राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 12 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक शीतकालीन सत्र 2019 में राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। इसके पारित होने के बाद से ही पूर्वोत्तर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे है। कई राजनीतिक संगठन इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच हैं। Read More
एक ट्विटर यूज़र ने लिखा था कि छह महीने तक फ़्री नेटफ़्लिक्स देखने के लिए 8866288662 पर कॉल करें। नेटफ्लिक्स ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये बिल्कुल फर्जी खबर है। ...
कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा गाजियाबाद में इस अभियान की शुरूआत करेंगे। वहीं, राजनाथ सिंह लखनऊ में, निर्मला सीतारमण राजस्थान की राजधानी व नितिन गड़करी नागपुर में आज डोर टू डोर अभियान की शुरूआत करेंगे। ...
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 9 नवंबर को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में हिंदू पक्षों के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के एक महीने बाद ही सीएए कानून बनाया गया है। इसके पहले अगस्त में, संविधान के अनुच्छेद 370 को जम्मू और कश्मीर से समाप्त कर दिया था। ...
सांसद ने कहा कि इस कानून को मानने के लिए देश भर के राज्य व वहां रहने वाले लोग बाध्य हैं। यदि कोई प्रदेश ऐसा नहीं करता है तो उस प्रदेश में केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लगाने का काम करेगी। ...
भाजपा के प्रदेश महासचिव भजन लाल शर्मा ने बताया कि वित्त मंत्री जयपुर पहुंचने के बाद सांगानेर में नए कानून को लेकर जनजागरण अभियान का शुभारंभ करेंगी और उसके बाद पार्टी मुख्यालय पर संशोधित नागरिकता कानून पर जयपुर जिले के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी। ...
उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी मुख्यमंत्री सीएए और एनपीआर लागू करने से इनकार नहीं कर सकता, चाहे वह इनके विरोध में क्यों न हो। ना पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ना केरल के मुख्यमंत्री वी विजयन ही यह कह सकते हैं कि वे अपने राज्यों में एनपीआर लागू नहीं ...