CBI: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), भारत में केंद्र सरकार की एक एजेंसी है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर होने वाले अपराधों जैसे हत्या, घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों और राष्ट्रीय हितों से संबंधित अपराधों की भारत सरकार की तरफ से जांच करती है। सीबीआई एजेंसी की स्थापना 1941 में स्थापित हुई थी और इसे अप्रैल 1963 में “केंद्रीय जांच ब्यूरो” का नाम दिया गया था, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 ने सीबीआई को जांच की शक्तियां दी हैं। भारत सरकार राज्य सरकार की सहमति से राज्य में मामलों की जांच करने का आदेश को देती है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय राज्य सरकार की सहमति के बिना देश के किसी भी राज्य में अपराधिक मामले की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दे सकते हैं। Read More
न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने कहा कि पौधारोपण का अभियान दिल्ली के दक्षिण रिज वन क्षेत्र में चलाया जाए। न्यायाधीश ने बलवा, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव अग्रवाल तथा कंपनियों- डायनेमिक रिएलिटी, डीबी रिएलिटी लिमिटेड तथा नि ...
अधिकारियों ने बताया कि प्रसाद ने इससे पहले सीबीआई की निगरानी इकाई में काम किया था। वह फिलहाल यहां सीबीआई मुख्यालय में उपनिदेशक (प्रशासन) प्रसाद हैं। ...
चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ के प्रयास के बाद केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी रविवार शाम को कोलकाता में धरने पर बैठी थीं। ...
शारदा चिटफंड घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर, DGP और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया। कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में CBI के सामने पेश होंगे। ...
CBI vs Mamata विवाद के केंद्र में रहे राजीव कुमार की मां ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि उनके बेटे के खिलाफ बदले की कार्रवाई की गई है। ममता बनर्जी ने तीन दिन बाद नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अपना धरना समाप्त कर दिया है। ...
भाजपा महासचिव ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा है कि उन्होनें उस समय धरना आन्दोलन क्यों नहीं किया. जब उनके ही पार्टी के मंत्री मदन मित्रा को गिरफ्तार किया गया था? वे उस समय चुप क्यों रही जब तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुदीप बंधोपाध्याय को गिरफ्त ...
MAMTA VS CBI: मौजूदा वक्त की राजनीति में जब सारा खेल परसेप्शन का है तो फिर सड़क से लेकर संसद तक कोहराम मचाने में क्यों देर किया जाए. देश में 100 दिनों के बाद राजनीतिक प्रसाद की अमृत वर्षा होने वाली है और उसके पहले सभी नेता अपने हिस्से को दुरुस्त कर ले ...