सुप्रीम कोर्ट की CBI को हिदायत, कोलकाता DGP राजीव कुमार से करें सिर्फ पूछताछ, बलपूर्वक कार्रवाई बर्दाश्त नहीं
By पल्लवी कुमारी | Published: February 6, 2019 10:08 AM2019-02-06T10:08:07+5:302019-02-06T10:08:07+5:30
शारदा चिटफंड घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर, DGP और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया। कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में CBI के सामने पेश होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई बनाम ममता बनर्जी और शारदा चिटफंड घोटाले में मंगलवार(5 जनवरी) को सुनवाई करते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के साथ पूछताछ में सहयोग करने का आदेश दिया है। रंजन गोगई की अध्यक्ष वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि अनावश्यक विवाद से बचने के लिए हम पुलिस आयुक्त को जो भी तारीख तय की जाएगी उसके अनुसार शिलांग में जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ कहा, कोलकाता पुलिस कमिश्नर से हमने शिलांग में पूछताछ करने की अनुमति दी है लेकिन गिरफ्तारी की नहीं।
कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के साथ कोई भी बलपूर्वक कार्रवाई ना हो: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस बात की भी हिदायत दी है कि सारे कामों को अंजाम नियम के तहत दिया जाना है। कोलकाता पुलिस कमिश्नर से किसी भी तरीके की बदसलूकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमने ना ही हिरासत में लेने के लिए कहा है और ना ही गिरफ्तारी के लिए कहा...बस नियमों के तहत पूछताछ करनी है। सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के साथ कोई भी बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाए।
ममता बनर्जी ने खत्म किया धरना
सीबीआई को कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ बलपूर्वक कोई कार्रवाई करने से रोके जाने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार शाम को अपना धरना खत्म कर दिया है। ममता बनर्जी ने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने तक उनकी जंग जारी रहेगी।
ममता बनर्जी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट अनुकूल आदेश के बाद समान विचारों वाले राजनीतिक दलों के नेताओं से परामर्श के बाद अपना धरना खत्म कर रही हूं। तेदेपा अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ धरना स्थल पर खड़ी ममता ने अपने समर्थकों की भीड़ के समक्ष कहा, ''मैं छोड़ूंगी नहीं...मोदी हटाओ, देश बचाओ। यह धरना लोगों की जीत है, देश की जीत है और लोकतंत्र की जीत है। अब मैं यह लड़ाई दिल्ली लेकर जाउंगी।'' बनर्जी और केंद्र दोनों ही इस अदालती आदेश को अपनी नैतिक जीत बता रहे हैं।
लोकसभा में भी छाया रहा ये चिटफंड घोटाले का मुद्दा
लोकसभा में मंगलवार को पश्चिम बंगाल में सीबीआई और कोलकाता पुलिस के बीच टकराव का मुद्दा छाया रहा और इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस, सपा और कांग्रेस के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी। भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और केन्द्रीय मंत्री नेता रविशंकर प्रसाद ने न्यायालय के फैसले को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के लिए करारा झटका बताया और कहा कि यह जांच एजेंसी की नैतिक जीत है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा- शिलांग जाएं, ठंडी जगह है
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मामले पर आदेश सुनाने के बाद टिप्पणी करते हुए हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ''शिलांग जाएं। ठंडी जगह है। दोनों पक्षों का चित्त वहां शांत रहेगा।'' पीठ के अपना आदेश लिखाने का काम लगभग पूरा करने के बाद अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने तटस्थ स्थान का मुद्दा उठाया। पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल थे।
शारदा चिटफंड घोटले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर, DGP और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया। कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में CBI के सामने पेश होंगे। पश्चिम बंगाल CBI मामले में अवमानना मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी। इस फैसले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने की है। इसमें जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपक गुप्ता भी शामिल थे। सीबीआई ने दावा कि उनके पास पुलिस कमिश्नर के खिलाफ पुख्ता सबुत है।
आखिर क्यों धरने पर बैंठी ममता बनर्जी
चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ के प्रयास के बाद केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी रविवार शाम को कोलकाता में धरने पर बैठ गयीं। सीबीआई की एक टीम रविवार को मध्य कोलकाता में कुमार के लाउडन स्ट्रीट स्थित आवास पहुंची थी लेकिन वहां तैनात कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया और उन्हें थाने ले गए। सीबीआई कुमार से लापता दस्तावेज और फाइलों के बारे में पूछताछ करना चाहती थी।
इस पूरे मामले पर केंद्र की मोदी सरकार से लोहा ले रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विभिन्न राजनीतिक दलों का जबर्दस्त समर्थन मिला है। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ने इस समर्थन को ‘‘भ्रष्टों का गठबंधन’’ करार दिया है। (पीटीआई इनपुट के साथ)