भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। चार बार मुख्यमंत्री बनने के बावजूद येदियुरप्पा कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। सरकारी लिपिक से हार्डवेयर स्टोर के मालिक और चार बार के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने राजनीति की कठिर डगर को नापा है। दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार बनाने के मुख्य कर्ता-धर्ता येदियुरप्पा को प्रथमदृष्ट्या उम्र के कारण शीर्ष पद से हटना पड़ा। येदियुरप्पा नवंबर 2007 में पहले कार्यकाल में सात दिनों तक मुख्यमंत्री रहे, मई 2008 से तीन वर्ष दो महीने के लिए मुख्यमंत्री बने, मई 2018 में तीन दिनों के लिए वह मुख्यमंत्री बने और फिर 26 जुलाई 2019 से दो वर्षों तक मुख्यमंत्री का उनका चौथा कार्यकाल रहा। आरएसएस के स्वयंसेवक रहे बूकनकेरे सिद्धलिंगप्पा येदियुरप्पा का जन्म 27 फरवरी 1943 को मांड्या जिले के के. आर. पेट तालुका के बूकनकेरे में हुआ था। अपने अनुयायियों में ‘‘राजा हुली’’ के नाम से विख्यात येदियुरप्पा महज 15 वर्ष की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए और जनसंघ के साथ शिवमोगा जिले में गृह नगर शिकारीपुरा से राजनीतिक पारी की शुरुआत की। Read More
नामांकन दायर करने की अंतिम तिथि दो दिसम्बर है जबकि नामांकन पत्रों की जांच अगले दिन होगी। आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि पांच दिसम्बर है और मतदान के बाद वोटों की गिनती 12 दिसम्बर को होगी। ...
भाजपा ने सावदी को उप मुख्यमंत्री बनाया था, जबकि वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। पार्टी ने अथानी में होने वाले उप चुनाव के लिए उन्हें टिकट नहीं दिया है इसके बाद मंत्रिमंडल में उनके बने रहने पर अटकलबाजी शुरू हो गयी है। ...
भाजपा पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ पार्टी को ‘‘फासीवादी’’ बताया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा की कोई संस्कृति नहीं है, भाजपा के किसी भी नेता ने अच्छी संस्कृति नहीं बनायी क्योंकि भाजपा मूलत: एक फासीवादी पार्टी है, वे फासीवाद में ...
जद (एस) के वरिष्ठ नेता बसवराज होराती ने कहा, ‘‘उनके बयान के आधार पर मैंने कहा है कि अगर भाजपा के पास संख्या बल की कमी होती है तो पूरी संभावना है कि जद (एस) उनके शेष साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान समर्थन दे सकता है, मैं अब भी इस पर कायम हूं।’’ ...
कर्नाटक की सरकार के लिए विधानसभा की 15 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के नतीजे अहम हैं इसलिए भाजपा जीत सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रत्याशियों को भविष्य के मंत्री के तौर पर पेश कर रही है। इनमें से अधिकतर विधायक कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन से बगावत करने की वजह स ...
प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस के अयोग्य विधायक महेश कुमातल्ली को अठानी से अपना उम्मीदवार बनाया है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कुमातल्ली ने सवाडी को हराया था। ...
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस और जद एस के 17 विधायकों को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार की ओर से अयोग्य करार दिये जाने के फैसले को बरकरार रखा लेकिन उन्हें पांच दिसंबर को होने वाला उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी। ...