अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि आवंटित की जाए। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया है। इस विवाद ने देश के सामाजिक ताने बाने को तार तार कर दिया था। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। Read More
हरिद्वार से दस दिन के प्रवास के बाद लौटते हुए साक्षी महाराज ने मेरठ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था तब भी हैदराबाद (औवेसी) की चाल उल्टी थी। ...
शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद ...
विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बुधवार को यहां एक बार फिर उम्मीद जताई कि ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण रामजन्मभूमि न ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक राजनीतिक दूरंदेशी के कारण भी यह मसला राजनीति के बजाय अदालत के क्षेत्र में संसाधित हुआ है. पिछले साल चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मोदी की बढ़ती हुई राजनीतिक स्वायत्तता के पर कतरने के लिए मंदिर बनवाने हेत ...
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा कि कांग्रेस, राकांपा, बसपा और अन्य चुप क्यों है और उन्हें अपनी चुप्पी तोड़ने की जरूरत है। ओवैसी ने इस बात की पुष्टि की कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में भाजपा या शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन नहीं कर ...
हाल ही में अयोध्या पर फैसला आया है। दिसके बाद पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ अलग से जमीन देने की बात कही। ...
सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने सर्वसम्मति (5-0) से शनिवार को इस बेहद पुराने विवाद में फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में निर्मोही अखाड़े के पक्ष को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वे कभी से राम लल्ला के शेबैती (उपासक/सेवादार) नहीं रहे हैं। ...