आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
सांसदों को अधिकारियों ने बताया कि 1990 से अबतक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हिंसा की 71,254 घटनाएं हुई जिनमें 14,049 नागरिकों की मौत हो गई और 5,293 सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए। इसी दौरान 22,552 आतंकवादी भी मारे गए। ...
Sunanda Vashisht: भारतीय स्तंभकार सुनंदा वशिष्ठ ने वॉशिंगटन में कश्मीर में मानवाधिकार को लेकर हुई सुनवाई में कहा कि कश्मीर के बिना भारत संभव नहीं है ...
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्या सिंधिया ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराएं हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश में बांटे जाने के सरकार के कदम का समर्थन किया था। ...
कश्मीर की वादी से बाहरी मजदूर चले क्या गए, वह अपने पीछे स्थानीय लोगों के लिए बेशुमार चुनौतियां छोड़ गए हैं। रोजाना के कामकाज के साथ-साथ फसली सीजन में मजदूरों की कमी भी किसान को परेशान करने लगी है। ...
दोनों सलाहकार प्रशासनिक कार्य में उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू की सहायता करेंगे। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी फारूक खान और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के के शर्मा पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार थे। ...
शहर के पुराने इलाकों में सुबह कुछ ही घंटों के लिए दुकानें खुल रही हैं। घाटी में दुकानें सुबह-सुबह खुल रही थीं। राज्य का विशेष दर्जा हटाए जाने के विरोध में प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए दुकानदार दोपहर को इन्हें बंद कर देते थे। ...
जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त रद्द करने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने की घोषणा के बाद राज्य में सभी संचार साधनों- लैंडलाइन फोन, मोबाइल फोन सेवाएं और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। ...