आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
उदारवादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने शुक्रवार को दावा किया कि जम्मू कश्मीर के अधिकारी उसके अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को एहतियाती हिरासत से रिहा करने के अपने फैसले से पीछे हट गए हैं। ...
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि सरकार की राय से अलग विचार व्यक्त करने से कोई देशद्रोही नहीं हो सकता है। ...
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि अनुच्छेद 370 को असंवैधानिक तरीके से खत्म किया गया। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि विपक्ष को राजनीति करने के लिए जम्मू कश्मीर के संबंध में ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए, जिससे जनता गुमराह हो। ...
जम्मू कश्मीर के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के कैडर मौजूदा कैडरों में काम करना जारी रखेंगे। ...
जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषदः केन्द्र शासित प्रदेश में डीडीसी का चुनाव 28 नवम्बर से शुरू होकर आठ चरणों में पूरा हुआ। चुनाव में कुल 280 सीटें (जम्मू की 140 और कश्मीर की 140) पर मतदान हुआ था। ...
अगर सुरक्षा की दृष्टि से मुझे बाहर जाने से रोका जा रहा है तो फिर बीजेपी के मंत्रियों को कश्मीर में खुलेआम प्रचार की अनुमति क्यों दी गई, जबकि मुझसे डीडीसी चुनाव होने तक इंतजार करने के लिए कहा गया है। ...
जम्मू कश्मीर में रास्ते खोले जाने चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद ने पाकिस्तान के साथ अमन, दोस्ती पर जोर दिया था। पाकिस्तान के संबंध सुधरने से सीमा पर गोलीबारी रुकेगी और लोगों की समस्याओं का समाधान होगा। ...