अनुच्‍छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के आईएएस, आईपीएस काडर का एजीएमयूटी में विलय, जानिए पूरा मामला

By सतीश कुमार सिंह | Published: January 7, 2021 08:17 PM2021-01-07T20:17:24+5:302021-01-07T21:22:31+5:30

जम्मू कश्मीर के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के कैडर मौजूदा कैडरों में काम करना जारी रखेंगे।

jammu kashmir cadres IAS, IPS, IFS central service officers UT cadre merged Delhi Mizoram Goa article 370 | अनुच्‍छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के आईएएस, आईपीएस काडर का एजीएमयूटी में विलय, जानिए पूरा मामला

कैडर आवंटनों के नियमों में केंद्र सरकार की तरफ से जरूरी बदलाव किए जाएंगे। (file photo)

Highlightsजम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, जो अक्तूबर 2019 में प्रभावी हुआ था।जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए उपराज्यपाल की ओर से नया आदेश जारी होने तक मौजूदा पद पर सेवाएं देना जारी रखेंगे।अधिकारियों को अरुणाचल गोवा मिजोरम यूनियन टेरिटरी (एजीएमयूटी) कैडर का माना जाएगा।

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने आईएएस, आईपीएस और आईएफओएस (भारतीय वन सेवा) के जम्मू-कश्मीर काडर को एजीएमयूटी (दिल्ली-अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिज़ोरम-केंद्र शासित) में विलय कर दिया है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के जम्मू कश्मीर कैडर का बृहस्पतिवार को ‘एजीएमयूटी’ (अरुणाचल, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित क्षेत्र) कैडर में विलय कर दिया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा हस्ताक्षरित और कानून एवं न्याय मंत्रालय जारी एक अधिसूचना के मुताबिक जम्मू कश्मीर कैडर के आईएएस, आईपीएस और भारतीय वन सेवा के अधिकारी अब ‘एजीएमयूटी’ कैडर का हिस्सा होंगे।

अब, पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर कैडर के अधिकारियों को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम तथा केंद्र शासित प्रदेश में नियुक्त किया जा सके। आवश्यक संशोधन केंद्र सरकार द्वारा संबद्ध कैडर आवंटन नियमों में किया जा सकता है। केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द किये जाने और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों -जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख- में विभाजित किये जाने के एक साल से अधिक समय बाद यह कदम उठाया गया है।

अखिल भारतीय सेवाओं के जम्मू-कश्मीर काडर का वजूद पिछले साल खत्म हो गया था

अखिल भारतीय सेवाओं के जम्मू-कश्मीर काडर का वजूद पिछले साल खत्म हो गया था। जब केंद्र सरकार ने धारा-370 को रद्द करके राज्य को दो केंद्र-शासित क्षेत्रों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख़ में बांट दिया था। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, जो अक्तूबर 2019 में प्रभावी हुआ था। सरकार ने जम्मू-कस्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी की है।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों की नियुक्ति दूसरे राज्यों में नहीं होती थी। लेकिन अब नए आदेश के बाद से यहां के अधिकारियों को अन्य राज्य में नियुक्त किया जा सकेगा। राजधानी दिल्ली भी एजीएमयूटी कैडर में ही आती है। आने वाले समय में दिल्ली के अधिकारियों की नियुक्ति भी जम्मू-कश्मीर में हो सकेगी। वहीं जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों की नियुक्ति दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और मिजोरम में की जा सकेगी।

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 के मुताबिक प्रांतीय सेवा अधिकारी दो नये केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए उपराज्यपाल की ओर से नया आदेश जारी होने तक मौजूदा पद पर सेवाएं देना जारी रखेंगे।

भविष्य में, जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश या लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में नियुक्त किए जाने वाले अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को अरुणाचल गोवा मिजोरम यूनियन टेरिटरी (एजीएमयूटी) कैडर का माना जाएगा और उसी के अनुरूप कैडर आवंटनों के नियमों में केंद्र सरकार की तरफ से जरूरी बदलाव किए जाएंगे।

ऐसे में जम्मू कश्मीर कैडर के आईएएस, आईपीएस और आईएफओएस और अन्य केन्द्रीय सेवाओं के अधिकारी दो केन्द्र शासित क्षेत्रों (यूटी) में सेवाएं देना जारी रखेंगे। वहीं इन सेवाओं में नई भर्तियों को एजीएमयूटी कैडर दिया जाएगा। एजीएएमयूटी की काडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी गृह मंत्रालय (एमएचए) है,जबकि दूसरे तमाम काडर्स के लिए कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) है।

अधिसूचना जारी होने के बाद उपराज्यपाल अधिकारियों की संख्या, संरचना और आवंटन पर निर्णय लेंगे। साथ ही इसमें कहा गया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के पास इन दोनों में से किसी एक में सेवा देने का विकल्प होगा और इस स्थानांतरण पर उपराज्यपाल फैसला लेंगे। जम्मू कश्मीर की विधायिका पुडुचेरी की भांति रहेगी। लद्दाख का प्रारूप बिना विधायिका वाले चंडीगढ़ की तरह होगा।

कैडर समीक्षा प्रस्ताव के अनुसार जम्मू कश्मीर में लगभग 300 आईएएस, आईपीएस अधिकारी होंगे

नवगठित प्रशासनिक इकाई के लिए कैडर समीक्षा प्रस्ताव के अनुसार केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 191 आईएएस और 154 आईपीएस अधिकारी होंगे। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि बैठक के दौरान चर्चा की गई कि तीन अखिल भारतीय सेवाओं- भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के संबंध में कैडर समीक्षा प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

उन्हें शीघ्र अधिसूचना के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संशोधित प्रस्तावों के अनुसार, लद्दाख में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस की कैडर क्षमता को क्रमश: 191,154 और 106 रखा गया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में तैनात कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन का एक विशेष पैकेज होगा।

Web Title: jammu kashmir cadres IAS, IPS, IFS central service officers UT cadre merged Delhi Mizoram Goa article 370

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