यह मामला भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदे जाने का है। संयुक्त प्रगतीशील गठबंधन (यूपीए) की मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय सरकार ने 8 फरवरी 2010 को इटली की कंपनी फिनमैकेनिका की सहयोगी इंडो-इतालवी कंपनी अगस्ता वेस्टेलैंड से हेलीकॉप्टर खरीदने का अनुबंध किया है। यह डील कुल 3600 करोड़ रुपये में की गई थी। लेकिन यूपीए 2 की मनमोहन सरकार ने ही इस डील को साल 2014 की जनवरी में रद्द कर दिया था। कई स्तर की जांच-पड़ताल में यह खुलासा हुआ था कि करीब 360 करोड़ रुपये रिश्वतखोरी व कमीशन के तौर पर खर्च हुए। साथ ही कई भारतीय अफसरों और नेताओं के नाम रिश्वत देने व लेने में संलिप्त बताए गए।