अजित पवार का जन्म 22 जुलाई, 1959 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हुआ। अजित पवार एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं। उनके पिता वी शांताराम के राजकमल स्टूडियो में काम करते थे। अजीत पवार अपने चाचा के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में आए। राजनीति में वह एक राजनेता से आगे बढ़ते हुए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बने। वह अपने चाहने वालों और जनता के बीच दादा (बड़े भाई) के रूप में लोकप्रिय हैं। Read More
राष्ट्रपति शासन के हटाये जाने की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए गहलोत ने कहा, “महाराष्ट्र के राज्यपाल को नैतिकता के आधार पर निश्चित तौर पर त्यागपत्र देना चाहिए। उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।” ...
अजित पवार ने 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में बारामती से 1.65 लाख मतों के भारी-भरकम अंतर से जीत दर्ज की थी। यह इस चुनाव में किसी भी उम्मीदवार द्वारा दर्ज की गई सबसे बड़ी जीत थी। यह जीत इसलिये भी महत्वपूर्ण थी कि भाजपा ने यहां बड़े पैमाने पर प्रचार क ...
महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस और राकांपा नेता अजित पवार के क्रमश: मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद दल-बदल विरोधी कानून का मुद्दा सामने आया है। ...
तीनों दल पिछले सप्ताह से एक असंभव से लगने वाले गठबंधन को बनाने के लिए प्रयासरत थे, जबकि इस दौरान भाजपा शांत थी। हालांकि, अब लगता है कि उसने पवार के भतीजे शरद पवार को शामिल करने का ‘‘प्लान बी’’ तैयार रखा था। ...
अजित जून 1991 में सुधाकरराव नाइक की सरकार में पहली बार राज्य मंत्री बने। वह अपने तीन दशक के राजनीतिक जीवन में अभी तक कृषि, जल संसाधन, ग्रामीण मृदा संरक्षण, सिंचाई और बिजली तथा योजना जैसे मंत्रालय संभाल चुके हैं। वह नवंबर 2010 में पहली बार राज्य के उप ...
राज्य में राकांपा नेता अजित पवार के समर्थन से भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। मुनगंटीवार ने कहा, “अजित पवार राकांपा के विधायक दल के नेता हैं और इसका अर्थ है कि सभी ने भाजपा को समर्थन दिया है।” ...
भाजपा सरकार बनाने में एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने बेहद अहम भूमिका निभाई है। शनिवार सुबह राजभवन में जब देवेंद्र फड़नवीस सीएम व अजित पवार डिप्टी सीएम पद की शपथ ले रहे थे, तब वहां एनसीपी नेता धनंजय मुंडे भी मौजूद थे। ...
पिछले कुछ सालों में भारतीय राजनीतिक दलों के बीच ऐसे गठबंधन हुए हैं जिन्हें लगभग असंभव माना जाता था। कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी से, यूपी में सपा ने बसपा से और बिहार ने जदयू ने राजद से जब हाथ मिलाया था तो लोग हैरान तो हुए लेकिन अपने-अपने दलों से वफादा ...