बारामती में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के समर्थन में विशाल होर्डिंग, लिखा-हम 80 वर्षीय योद्धा के साथ हैं
By भाषा | Published: November 23, 2019 08:01 PM2019-11-23T20:01:18+5:302019-11-23T20:01:18+5:30
अजित पवार ने 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में बारामती से 1.65 लाख मतों के भारी-भरकम अंतर से जीत दर्ज की थी। यह इस चुनाव में किसी भी उम्मीदवार द्वारा दर्ज की गई सबसे बड़ी जीत थी। यह जीत इसलिये भी महत्वपूर्ण थी कि भाजपा ने यहां बड़े पैमाने पर प्रचार किया था।
भाजपा के साथ हाथ मिलाने के लिये राकांपा नेता अजित पवार द्वारा पार्टी तोड़े जाने के कारण महाराष्ट्र में सियासी समीकरणों में हुए उलटफेर के बीच बारामती में शरद पवार के समर्थन में एक विशाल होर्डिंग लगाई गई है।
अजित पवार ने 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में बारामती से 1.65 लाख मतों के भारी-भरकम अंतर से जीत दर्ज की थी। यह इस चुनाव में किसी भी उम्मीदवार द्वारा दर्ज की गई सबसे बड़ी जीत थी। यह जीत इसलिये भी महत्वपूर्ण थी कि भाजपा ने यहां बड़े पैमाने पर प्रचार किया था।
शरद पवार की तस्वीर के साथ इस होर्डिंग पर संदेश लिखा है, “हम 80 वर्षीय योद्धा के साथ हैं।” यह होर्डिंग बारामती नगर परिषद की इमारत के पास लगाया गया था। इस होर्डिंग पर यहां से हर गुजरने वाले की नजर जा रही थी लेकिन कुछ घंटों बाद इसे हटा दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह होर्डिंग निगम अधिकारियों द्वारा हटाया गया क्योंकि इसे लगाने के लिये मंजूरी नहीं ली गई थी।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे और पार्टी विधायक दल के नेता अजित ने आज सुबह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। देवेंद्र फडणवीस ने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में आज सुबह दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बारामती के विधायक अजित पवार के अलग होने के बाद शरद पवार को ट्वीट कर कहना पड़ा, ‘‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिये भाजपा का समर्थन करना अजित पवार का निजी फैसला था और यह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का फैसला नहीं है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम इस फैसले का न तो समर्थन करते हैं न ही इसे स्वीकार करते हैं।”
वहीं, बारामती में कई राकांपा कार्यकर्ता इस कदम से नाराज दिखे और उनमें से अधिकतर ने इसे अजित पवार द्वारा किया गया विश्वासघात करार दिया। कुछ समर्थकों ने हालांकि अजित पवार के भाजपा से हाथ मिलाने और उप-मुख्यमंत्री बनने के कदम का समर्थन किया। वहीं सोलापुर में राकांपा कार्यकर्ताओं ने अजित पवार का पुतला फूंका।