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Chaitra Navratri Kanya Pujan 2024: नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान इन 6 बातों का जरूर रखें ध्यान, न करें ये गलतियां

By रुस्तम राणा | Published: April 15, 2024 4:09 PM

Kanya Pujan Vidhi: मान्यता है कि, नवरात्रि में उपवास रखने के बाद कन्या पूजन करने से माता रानी प्रसन्न होती है। ये नौ कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक होती हैं। जबकि कंजक भैरवनाथ का प्रतीक होता है।

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Chaitra Navratri Kanya Pujan 2024:चैत्र नवरात्रि व्रत कन्या पूजन के साथ समाप्त होते हैं। महाष्टमी और महानवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। हालांकि ऐसी मान्यता है कि महाष्टमी के दिन कन्या पूजन के लिए शुभ होता है। अष्टमी तिथि 16 अप्रैल, मंगलवार को है। कन्या पूजन में आदि शक्ति मां दुर्गा के नौ अलग-अलग अवतारों के रूप में 9 कन्याओं को और एक कंजक को पूजा जाता है। 

चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि, नवरात्रि में उपवास रखने के बाद कन्या पूजन करने से माता रानी प्रसन्न होती है। ये नौ कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक होती हैं। जबकि कंजक भैरवनाथ का प्रतीक होता है। कन्या पूजन से आपको सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही कन्या पूजन करने से कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है।परंतु कन्या पूजन के दौरान कुछ विशेष बातों का पालन करना आवश्यक है।  

नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान 

1. सबसे पहले 2 से लेकर 10 वर्ष तक की 9 कन्याओं को एकत्र करें और एक कंजक को आमत्रित करें। 2. अब इन कन्याओं को सम्मान पूर्वक बिठाने के लिए ऊंचे स्थान की व्यवस्था करें।3. इसके बाद इनके पैर परात या बर्तन में रखकर अपने हाथों से धो लें और पैर पूजते हुए अक्षत, पुष्प, कुमकुम चढ़ाएं। 4. इसके बाद इन कन्याओं का पूजन करते हुए टीका लगाएं और इनके हाथों में रक्षा सूत्र बांधें। 5. आप अपने सामर्थ्य के अनुसार इन्हें चुनरी उड़ा सकते हैं, इसके बाद इन्हें भोजन कराएं। 6. भोजन के बाद इन कन्याओं को वस्त्र का उपहार या दक्षिणा देकर विदा करें।

कन्या पूजन मंत्र

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्येत्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।ऊं श्री दुं दुर्गायै नम: ऊं श्री कुमार्यै नम:ऊं श्री त्रिगुणात्मिकायै नम:

टॅग्स :चैत्र नवरात्रिहिंदू त्योहार
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