Ashwathama ki Katha: बॉलीवुड की अपकमिंग फिल्म 'कल्कि 2898- एडी' आजकल सुर्खियां में हैं। इस फिल्म में बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन अश्वत्थामा का किरदान निभा रहे हैं। दरअसल, अश्वत्थामा महाभारत का ऐसा रहस्यमयी किरदार है, जिसको जीवित रहने का वरदान नहीं, बल्कि श्राप है। ऐसा माना जाता है कि अश्वत्थामा आज भी जिंदा है और जंगलों में भटक रहा है। चलिए जानते हैं कौन है अश्वत्थामा?
अश्वत्थामा पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य और उनकी पत्नी कृपि के पुत्र हैं। दोनों की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दे दिया था। इसके बाद कृपि ने अश्वत्थामा को जन्म दिया। अश्वत्थामा भी अपने पिता द्रोणाचार्य बहुत साहसी योद्धा बना था। जब पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध हुआ तो हस्तिनापुर के सिंहासन का साथ देते हुए गुरु द्रोणाचार्य पांडवों के खिलाफ लड़े।
हालांकि द्रोणाचार्य पांडव और कौरवों के गुरु थे लेकिन उन्होंने कौरवों के पक्ष में लक्षने का निर्णय लिया। अश्वत्थामा ने भी अपने पिता की तरह ही पांडवों के खिलाफ लड़ने का फैसला किया। युद्ध में अश्वत्थामा ने कौरवों की एक सेना का नेतृत्व किया। वहीं, जब घटोत्कच के नेतृत्व में राक्षसों ने हमला किया तो सभी कौरव भाग गए लेकिन केवल अश्वत्थामा ने उसका सामना किया और घटोत्कच को घायल कर उसके पुत्र अंजनपर्वा को मार दिया।
वहीं गुरु द्रोण का युद्ध कौशल पांडवों पर भारी पड़ रहा था। ऐसे में पांडवों ने द्रोणाचार्य को मारने की योजना बनाई। पांडवों द्वारा युद्ध के समय अश्वत्थामा की मौत की झूठी खबर फैला दी। इस खबर को सुनते ही पिता द्रोणाचार्य शोक में डूब गए। इसके बाद मौका पाकर पांडवों ने द्रोणाचार्य का सिर धड़ से अलग कर दिया। उधर, जब अश्वत्थामा को पिता के निधन की खबर मिली तो वो बहुत दुखी हो गया और मौत का बदला लेने की बात ठान ली।
इसके बाद अश्वत्थामा ने पांडवों के पुत्रों को मार गिरा दिया। पांडवों के बेटों को मार गिराने के बाद श्री कृष्ण ने अश्वत्थामा को हजारों साल तक जिंदा रहने और भटकते रहने का श्राप दे दिया। कहा जाता है कि आज भी अश्वत्थामा जंगलों में भटक रहा है और उसके शरीर पर चोट के बहुत बड़े बड़े निशान है साथ ही उसमें से रक्त की दुर्गंध भी आती है।