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Anant Chaturdashi 2019: अनंत चतुर्दशी व्रत कल, आज ही कर लें पूजा से जुड़ी ये जरूरी तैयारियां

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 11, 2019 12:56 PM

Anant Chaturdashi 2019: अनंत चतुर्दशी में शुद्धता का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत की महिमा महाभारत काल से ही देखने को मिलती रही है।

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ठळक मुद्देअनंत चतुर्दशी व्रत में शुद्धता है विशेष महत्व, जूठे या नमक वाली चीजों का नहीं करें इस्तेमालअनंत व्रत करने के लिए सबसे जरूरी 14 गांठ वाला अनंत धागा है, दान का भी है महत्व

Anant Chaturdashi 2019: अनंत चतुर्दशी-2019 का व्रत इस बार 12 सितंबर यानी गुरुवार को पड़ रहा है। भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत की महिमा महाभारत काल से ही देखने को मिलती रही है जब युद्धिष्ठिर ने पांडवों के अच्छे दिन के लिए भगवान श्रीकृष्ण की सलाह पर इस व्रत को किया था। यह व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। इस मौके पर श्रीहरि की पूजा की जाती है। साथ ही पुरुष दाएं जबकि स्त्रियां बाएं हाथ में 'अनंत धागा' धारण करती है। अनंत चतुर्दशी में शुद्धता का भी विशेष महत्व है। इसलिए जान लेते हैं कि इस व्रत के लिए किस प्रकार की तैयारी करनी चाहिए.... 

Anant Chaturdashi 2019: अनंत चतुर्दशी के लिए ऐसे करें विशेष तैयारी

अनंत चतुर्दशी में शुद्धता का विशेष महत्व है। साथ ही नमक से भी दूर रहा जाता है। इसलिए ध्यान रहे कि आप ऐसी कोई गलती नहीं करें। अनंत का व्रत करने के लिए सबसे पहले जरूरत अनंत धागे की होती है। 14 गांठ वाले इस विशेष धागे को जरूर खरीद लें। आप वैसे चाहें इसे खुद से भी बना सकते हैं। 

इस व्रत में अन्न विशेषकर आटे और फलों के दान का विशेष महत्व है। ऐसे में पूजा में जिस गेहूं आटे का इस्तेमाल करने जा रहे हैं, वह शुद्ध या नया होना चाहिए। रोजमर्रा के खाने में इस्तेमाल में आने वाले आटे का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करें। पूजा के लिए या तो खुद आटा तैयार करें या फिर नया खरीद लें। ऐसे ही कुछ मीठा बनाने के लिए शुद्ध चीनी और दूध का ही इस्तेमाल करें।

मौसमी फल भी जरूर पूजा और दान के लिए इस्तेमाल करें। साथ ही भगवान विष्णु की अगर तस्वीर नहीं होतो उसे भी ले लें। इसके अलावा पूजन में रोली, चंदन, अगर, धूप, दीप और नैवेद्य का होना अनिवार्य है। अनंत चतुर्दशी में व्रती एक बार भोजन कर सकते हैं और इसी से जुड़ी सामग्री को ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है। साथ ही इसका पूजन में भी इस्तेमाल होता है। इसलिए शुद्ध का ख्याल रखें।

टॅग्स :अनंत चतुर्दशीभगवान विष्णुमहाभारत
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