उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुलायम सिंह (नेता जी) का परिवार आपसी खींचतान की वजह से पिछले कुछ सालों से सुर्खियों में रहा है। यही वजह समाजवादी पार्टी (सपा) से अलग होकर शिवपाल यादव ने अपना नया दल समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल की आपस में नहीं बनी और एक-दूसरे से अलग हो गए। गौर करने वाली बात यह है कि अब एक नई सियासत का दौर शुरू हुआ है।
दअसल, शिवपाल यादव अपने बड़े भाई यानि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव से अलग नहीं होना चाहते हैं और उन्होंने मुलायम को अपनी पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ने तक का ऑफर दे दिया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि पिछले शुक्रवार को राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के मौके पर लखनऊ में शिवपाल और मुलायम एक साथ एक ही मंच पर दिखे।
इसके बाद अब मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव शनिवार को राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में चाचा शिवपाल के साथ नजर आई हैं और उन्होंने 24 दलों को एकसाथ आने लिए आह्वान किया है।
शिवपाल के साथ मंच साझा करते हुए अपर्णा यादव ने कहा, 'यहां 24 राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी, सब अगर एकसाथ आ जाएं तो वो एक शक्ति बन जाएगी। शक्ति को इकट्ठा करें और इस दल को बल में बदल दें। मैं चाहती हूं कि सेक्युलर मोर्चा मजबूत हो, मजबूती के साथ अपने लोकतंत्र को मजूबत करें।'
उससे पहले शुक्रवार को शिवपाल ने कहा था कि उन्हें अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद प्राप्त है। इधर, मुलाय सिंह भी बेटे और भाई के बीच में कोई अंतर नहीं रखना चाहते हैं। यही कारण है कि मुलायम सिंह ने पिछले महीने अखिलेश यादव के साथ मंच साझा किया, इसके बाद भाई शिवपाल के साथ खड़े नजर आए हैं।