Navratri 2023: नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त कब है? जानें घटस्थापना विधि और समय By संदीप दाहिमा | Published: October 13, 2023 3:50 PMOpen in App1 / 5Kalash Sthapana Muhurat: 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इन नौ दिनों के दौरान, देवी दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है, जिसमें घरों में एक पवित्र कलश (कलश) स्थापित किया जाता है और पंडालों में देवी दुर्गा की मूर्तियाँ प्रदर्शित की जाती हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में नवरात्रि को मनाया जाता है जो हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहार है। 2 / 5नवरात्रि के पहले दिन कलश या घट स्थापना मुहूर्त शारदीय नवरात्रि 2023 आश्विन माह के शुक्ल पक्ष के पहले दिन से शुरू होती है। द्रिक पंचांग के अनुसार अश्विन घटस्थापना रविवार, 15 अक्टूबर 2023 को है। (फाइल फोटो)3 / 5घटस्थापना मुहूर्त- सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक, अवधि - 00 घंटे 46 मिनट घटस्थापना मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त के दौरान तय किया जाता है और निषिद्ध चित्रा नक्षत्र के दौरान प्रतिपदा तिथि पर पड़ता है। (फोटो- इंस्टाग्राम)4 / 5प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 14 अक्टूबर 2023 को रात्रि 11:24 बजे से, प्रतिपदा तिथि समाप्त - 16 अक्टूबर 2023 को 12:32 बजे, चित्रा नक्षत्र आरंभ - 14 अक्टूबर 2023 को शाम 04:24 बजे, चित्रा नक्षत्र समाप्त - 15 अक्टूबर 2023 को शाम 06:13 बजे, वैधृति योग आरंभ - 14 अक्टूबर 2023 को प्रातः 10:25 बजे से, वैधृति योग समाप्त - 15 अक्टूबर 2023 को प्रातः 10:25 बजे। (फोटो- इंस्टाग्राम)5 / 5घटस्थापना विधि नवरात्रि के पहले दिन सुबह उठकर साफ पानी से स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहन लें। अपने मंदिर की अच्छे से सफाई करके हाथ जोड़कर पूजा का संकल्प लें। मिट्टी के बर्तन में भरी मिट्टी में जौ बो दें। कलश को स्थापित करें और कलश में कलावा बांध दें। कलश के भीतर गंगाजल रखें और आम के पल्लव को उसमें डालकर ऊपर लाल कपड़े में लिपटा नारियल रखें। साथ में लड़की के पटरे पर लाल कपड़ा रखकर माता की मूर्ति स्थापित करें लाल चुनरी उठाए। इसके बाद विधि-विधान से माता की पूजा करें। ध्यान रहे अगले नौ दिनों तक आपको ये पूजा करनी है और जौ में पानी डालना है ताकि वह उग सकें। कलश की जगह पर नौ दिनों तक अखंड दीप जलाकर रखें। (फोटो- इंस्टाग्राम) और पढ़ें Subscribe to Notifications