श्रीनिवास रामानुजन को समर्पित है आज का दिन, जानिए भारत के इस महान गणितज्ञ से जुड़ी खास बातें
By शैलेश कुमार भक्त | Updated: December 22, 2020 11:41 IST2020-12-22T11:33:47+5:302020-12-22T11:41:14+5:30

महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को कोयंबटूर के ईरोड गांव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनकी मां का नाम कोमलताम्मल और पिता का नाम श्रीनिवास अय्यंगर था।

भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के मौके पर हर साल 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है।

रामानुजन ने 10 साल की उम्र में प्राइमरी एग्जाम में पूरे जिले में टॉप किया। 15 साल की उम्र में वो 'ए सिनॉपसिस ऑफ एलिमेंट्री रिजल्ट्स इन प्योर एंड एप्लाइट मैथमेटिक्स' नाम की बेहद पुरानी किताब को पूरी तरह घोट कर पी गए थे।

साल 1911 में इंडियन मैथमेटिकल सोसाइट के जर्नल में उनका 17 पन्नों का एक पेपर पब्लिश हुआ जो बर्नूली नंबरों पर आधारित था।

श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर आधारित किताब 'द मैन हू न्यू इंफिनिटी' 1991 में प्रकाशित हुई थी। इसे रॉबर्ट केनिंगेल ने लिखा था। इसी नाम से रामानुजन पर एक फिल्म भी बन चुकी है।

श्रीनिवास रामानुजन आज भी न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी गणितज्ञों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

रामानुजन के बनाए हुए कुछ ऐसे थ्योरम हैं जो आज भी किसी पहेली से कम नहीं हैं। उनका एक पुराना रजिस्टर 1976 में ट्रिनिटी कॉलेज की लाइब्रेरी से मिला था, जिसमें थ्योरम और कई फॉर्मूले थे।

श्रीनिवास रामानुजन को साल 1917 में टीबी हो गया था। साल 1919 में उनकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई जिसके चलते वो भारत लौट आए। 26 अप्रैल 1920 को 32 साल की बेहद कम उम्र में उनका देहांत हो गया।

















