तस्वीरों में झांकती सच्चाई: वही क्रिसमस वही सेंटा, अमीरों के लिए अलग गरीबों के लिए अलग, आर्टिस्ट के लिए जुदा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 25, 2018 18:09 IST2018-12-25T18:09:31+5:302018-12-25T18:09:31+5:30

आज 25 दिसंबर को पूरी दुनिया की तरह भारत में भी क्रिसमस धूमधाम से मनाया जा रहा है।

माना जाता है कि ईसा मसीह का आज (25 दिसंबर) के दिन ही जन्म हुआ था।

ईसाई परंपरा के अनुसार सीक्रेट सेंटा लोगों को क्रिसमस पर उनकी मनोकामना पूरा करता है उन्हें गिफ्ट देता है।

भारतीय उच्च वर्ग और मध्यम वर्ग में क्रिसमस का त्योहार भले ही अपनी जगह बना चुका हो लेकिन भारतीय निम्न वर्ग के लिए इसका शायद ही कोई मायने हो।

देश की राजधानी दिल्ली में आज सुबह की तस्वीरों पर एक नजर डालें तो यह साफ हो जाता है कि मैरी क्रिसमस उन्हें के लिए है जिनकी जेब में पैसे हैं।

आम आदमी के लिए तो यह भी साल का एक दिन था जिस दिन वो अपने परिवार के रोजी-रोटी कमाने निकला।

क्रिसमस सर्दी में आता है और भारत में एक बड़ी आबादी के लिए ये मौसम श्राप की तरह है। ठण्ड बढ़ने के साथ इस वर्ग की जद्दोजहद खुद को इसका शिकार होने से बचाने की रहती है।

अमीर-गरीब से अलग कलाकार सुदर्शन पटनायक ने क्रिसमस में प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए ये विशेष कलाकृति बनायी। (सभी तस्वीरें- एएफपी)

















