महाशय धर्मपाल गुलाटी: महज 1500 रुपये लेकर भारत आए, टांगा चलाया और इस तरह बन गए 'मसाला किंग'

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Updated: December 3, 2020 13:56 IST2020-12-03T13:22:14+5:302020-12-03T13:56:08+5:30

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भारत के मसाला किंग और एमडीएच मसाला के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 3 दिसंबर 2020 को निधन हो गया। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)

धर्मपाल गुलाटी (97) का नई दिल्ली स्थित माता चनन देवी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)

मसाला किंग के नाम से मशहूर गुलाटी को 2019 में देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)

धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को सियालकोट (अब पाकिस्तान में) में हुआ था और वह विभाजन के बाद भारत आ गए और दिल्ली में अपना व्यवसाय स्थापित किया। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)

‘महाशियां दी हट्टी’ (एमडीएच) की स्थापना उनके दिवंगत पिता महाशय चुन्नी लाल गुलाटी ने की थी। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)

धर्मपाल गुलाटी स्वयं अपने ब्रांड की पहचान थे और वर्षों तक एमडीएच मसाला के विज्ञापन खुद करते रहे। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)

भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद महाशय गुलाटी 27 सितंबर 1947 को महज 1500 रुपये लेकर दिल्ली आए। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)

इन पैसों से उन्होंने 650 रुपए में एक टांगा खरीदा। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)

वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और कुतुब रोड के बीच गाड़ी चलाया करते थे। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)

कुछ दिनों बाद उनके परिवार ने दिल्ली के करोल बाग में अजमल खान रोड पर एक मसाले की दुकान शुरू की। इस दुकान की मदद से वह इतने बड़े मुकाम तक पहुंच गए। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)

आज उनकी भारत और दुबई में 18 मसाला कंपनियां हैं। इन कंपनियों द्वारा उत्पादित एमडीएच मसाले दुनिया भर में पहुंचते हैं। (फोटो-एमडीएच वेबसाइट)