बिजनौर, दो फरवरी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में सोमवार को हुई किसान सम्मान महापंचायत के आयोजक भारतीय किसान यूनियन (भाकियू)- युवा के प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह ने आरोप लगाया कि राजनीतिक लोग किसान आंदोलन के मंच का इस्तेमाल माहौल बिगाड़ने के लिए कर रहे हैं।
सिंह ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा आंदोलन सिर्फ किसानों का है लेकिन राजनीतिक दलों के नेता अपने समर्थकों के जरिए दवाब बनवाकर मंच हासिल करना चाहते हैं। सोमवार को भी भीड़ के बीच मौजूद एक दल के लोगों के शोर शराबे के कारण स्थिति संभालने के लिए एक नेता को महापंचायत के मंच पर बुलाना पड़ा।’’
उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश में सत्ता के मुखिया रह चुके एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती ने सोमवार को बिजनौर मे हुई किसान सम्मान महापंचायत में आने की इजाजत मांगी थी मगर उन्हे साफ इंकार कर दिया गया। दिगंबर सिंह ने कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओ और समर्थको के आने से माहौल खराब हो रहा है।
भाकियू की किसान सम्मान महापंचायत में संगठन के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत ने कहा था कि कृषि कानून पर समस्या का मनचाहा समाधान होने तक आंदोलन जारी रहेगा, इसे और मजूबत बनाया जाएगा।
अभी तक राजनीतिक दलों को आंदोलन से दूर रख रही भाकियू ने सोमवार को रालोद के नेता जयंत चौधरी को अपने मंच पर जगह दिया था।
गौरतलब है कि गाजीपुर में डेरा डाले हुए भाकियू नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में राजनीतिक दलों को नहीं घुसने दिया था लेकिन प्रदर्शन स्थलों पर ‘‘लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने’’ के बाद उसने राजनीतिक समर्थन लिया है।
इसी बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की।
किसानों के विरोध स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राउत दोपहर में करीब एक बजे यहां पहुंचे और मंच के पास टिकैत तथा अन्य प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। टिकैत ने कहा कि किसानों का विरोध राजनीतिक नहीं है और किसी राजनीतिक दल के नेता को मंच पर स्थान या माइक नहीं दिया गया है।
राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘26 जनवरी के बाद जिस तरह से यहां तोड़फोड़ हुयी और टिकैत तथा आंदोलन के दमन की कोशिश की गई, हमने महसूस किया कि किसानों के साथ खड़े रहना और पूरे महाराष्ट्र, शिवसेना तथा उद्धव ठाकरे साहब की ओर से समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है।"
वर्ष 2019 तक भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की प्रमुख सहयोगी शिवसेना उन 19 विपक्षी दलों में से एक है जिसने 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया और किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया है। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल, समाजवादी पार्टी सहित अन्य दलों के नेताओं ने गाजीपुर का दौरा किया था।
दिगंबर सिंह ने बताया कि मंगलवार से बिजनौर के किसानो के ट्रैक्टरों का गाजीपुर बार्डर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा जो 5 फरवरी तक चलेगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।