नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में पदभार ग्रहण करने वाली भारत की पहली महिला प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने लड़कियों के लिए खास संदेश दिया है। रुचिरा कंबोज ने ट्वीट कर के कहा, "आज संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को अपने दस्तावेज पेश किए। संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में। इस पद पर पहली भारतीय महिला होने का सौभाग्य मुझे मिला। इसकी खुशी है। मैं हर लड़की को बताना चाहती हूं कि हम सब ये कर सकती हैं।" रुचिरा कम्बोज संयुक्त राष्ट्र में भारत के वर्तमान स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति की जगह लेंगी।
कौन हैं रुचिरा कंबोज
रुचिरा कम्बोज भारतीय विदेश सेवा की 1987 बैच की अधिकारी हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि का पद संभालने से पहले रुचिरा भूटान में भारत की राजदूत थीं। इससे पहले वह दक्षिण अफ्रीका में भारत के उच्चायुक्त और यूनेस्को में भारत के राजदूत की स्थायी प्रतिनिधि के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। रुचिरा कंबोज की पहली पोस्टिंग फ्रांस में भारतीय दूतावास में की थर्ड सेक्रेटरी के तौर पर हुई थी। यहां उन्होंने 1989-1991 तक काम किया। फ्रांस के भारतीय दूतावास में काम करते हुए रुचिरा सेकेंड सेक्रेटरी के पद पर भी पहुंचीं।
भारत वापस लौटकर रुचिरा ने विदेश मंत्रालय के यूरोप पश्चिमी डिवीजन में 1991-1996 तकअंडर सेक्रेटरी के रूप में काम किया। इस कार्यकाल में उन्होंने फ्रांस, ब्रिटेन, बेनेलक्स, इटली, स्पेन, ऑकलैंड, न्यूजीलैंड और पुर्तगाल देशों के साथ भारत के संबंधों पर काम किया। 2002-2005 में रुचिरा को संयुक्त राष्ट्र में भारत में एक स्थायी मिशन के काउंसलर के रूप में तैनात किया गया था। साल 2006 से 2009 तक रुचिरा केप टाउन में भारत की महावाणिज्य दूत थीं। रुचिरा 17 मई 2019 से भूटान में भारतीय राजदूत की भूमिका निभा रही थीं। रुचिरा भूटान में भारत की पहली महिला राजदूत रहीं।
बता दें कि रुचिरा कंबोज के पिता भरतीय सेना में अधिकारी थे और उनकी मां दिल्ली यूनिवर्सिटी की रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। रुचिरा का विवाह बिजनेसमैन दिवाकर कंबोज से हुआ है और उनकी एक बेटी भी है।