Rajya Sabha Election 2024: बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में दोनों पक्ष यानी एनडीए और महागठबंधन को तीन-तीन सीट मिलती हुई दिख रही है। महागठबंधन की ओर से राजद ने दो उम्मीदवार उतारे हैं तो तीसरी सीट कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह के पास गई है। लेकिन इस बंटवारे से भाकपा-माले नाराज है। भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचर्य ने कहा कि हमने इस कुर्बानी दे दी है, लेकिन हर बार नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि राज्यसभा की एक सीट पर भाकपा-माले का दावा बन रहा था। वाम दलों के पास 16 विधायक हैं। वाम दलों की भी दावेदारी राज्यसभा और विधान परिषद की सीटों पर बनती है। दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का फोन उनके पास आया था। तेजस्वी यादव से भी बात हुई।
इसके बाद हमने महागठबंधन के लिए कुर्बानी दी है। लेकिन ये सिर्फ इस बार के लिए है। बार-बार हम कुर्बानी नहीं देंगे। हमारे लोगों को भी राज्यसभा और विधान परिषद में जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमने राज्यसभा में कांग्रेस को समर्थन दिया है। इस बात को लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के दौरान ध्यान में रखा जाना चाहिये।
जब नीतीश कुमार महागठबंधन में थे तो सीट बंटवारे के लिए दबाव था, तब माले ने 5 सीटो पर दावेदारी की थी। लेकिन नीतीश कुमार गठबंधन में नहीं हैं, लिहाजा परिस्थितियां बदल गयी है। दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि अब बदली हुई परिस्थिति के मुताबिक माले को लोकसभा की सीट चाहिये। ये बात महागठबंधन के नेताओं को बता दिया गया है।
बता दें कि राज्यसभा चुनाव में विधायकों की संख्या के आधार पर जीत हार होती है। महागठबंधन में विधायकों की संख्या के अनुसार राजद के पास 79 विधायक हैं। हालांकि इसमें से तीन विधायक बागी हो चुके हैं। दूसरे नंबर पर कांग्रेस है, जिसके पास 19 विधायक हैं। वहीं भाकपा- माले के 12 तो भाकपा और माकपा के पास 2-2 विधायक हैं।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष, अखिलेश प्रसाद सिंह ने मंगलवार को प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए पर्चा दाखिल किया । राज्यसभा की बिहार से छह सीटों के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 फरवरी निर्धारित है, सत्तारूढ़ राजग तीन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें जद (यू) और भाजपा शामिल हैं।