रायपुर/बीजापुर, 23 अप्रैल छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले से अपहृत पुलिस अधिकारी के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। इधर अधिकारी के परिजनों ने पुलिस अधिकारी को रिहा करने का अनुरोध किया है।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि बीजापुर जिले के पालनार क्षेत्र से बुधवार को अपहृत पुलिस उप निरीक्षक मुरली ताती के संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
सुंदरराज ने बताया कि ताती की खोज की जा रही है, साथ ही उनके परिजन, उनके समाज और उनके गांव के निवासी उन्हें वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं।
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि नक्सलियों ने ही ताती का अपहरण किया है लेकिन अभी तक नक्सलियों की तरफ से कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है।
सुंदरराज ने बताया कि ताती की मानसिक स्थिति पिछले कुछ समय से ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि उनका इलाज भी करवाया जा रहा था और मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण ही वह पिछले दो माह से कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं हुए हैं।
उन्होंने बताया कि ताती पालनार गांव के ही निवासी है लेकिन वर्षों पहले उनका परिवार बीजापुर चला गया था। उन्होंने बताया कि ताती का जगदलपुर में तबादला होने के बाद उनका परिवार जगदलपुर चला गया जबकि परिवार के अन्य सदस्य बीजापुर में ही रहते हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जानकारी मिली है कि ताती अचानक पालनार चए गए और नक्सलियों ने उनका अपहरण कर लिया। उन्होंने बताया कि ताती को वापस लाने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।
इधर ताती के परिजनों ने नक्सलियों से अनुरोध किया है कि वह ताती को रिहा कर दें। ताती की पत्नी मैनु ताती ने नक्सलियों से अनुरोध किया है कि ताती काम पर नहीं जा रहे हैं तथा परेशान हैं। उन्होंने कहा कि नक्सली उनके बच्चे पर रहम करें।
मैनु ताती ने बताया कि मुरली ताती घर में ही रहते थे। उन्होंने बताया कि एक दिन अचानक घर से निकल गए थे। उन्होंने बताया कि बाद में जानकारी मिली कि नक्सलियों ने उसके पति का अपहरण कर लिया है।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के पालनार गांव से बुधवार को नक्सलियों ने पुलिस उप निरीक्षक मुरली ताती का अपहरण कर लिया था।
राज्य के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में इस महीने की तीन तारीख को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के 22 जवान शहीद हो गए थे तथा 31 अन्य जवान घायल हो गए थे। मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने सीआरपीएफ के आरक्षक राकेश्वर सिंह का अपहरण कर लिया था। बाद में सिंह को रिहा कर दिया गया था।
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