लाइव न्यूज़ :

न्यायिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत : प्रधान न्यायाधीश

By भाषा | Updated: December 25, 2021 22:33 IST

Open in App

अमरावती, 25 दिसंबर देश में न्यायिक बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका भी कुछ मूलभूत समस्याओं का सामना कर रही है और अगर वे हल नहीं हुए तो वे उनके उत्तराधिकारियों को भी परेशान करते रहेंगे।

विजयवाड़ा में अभिनंदन समारोह में न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि अदालतों में 4.60 करोड़ मामले लंबित हैं और भारत जैसे देश के लिए यह संख्या बड़ी नहीं है, जिसकी आबादी लगभग 150 करोड़ है। उन्होंने कहा कि अधिकारों का उल्लंघन होने पर अदालतें हस्तक्षेप करेंगी। न्याय प्रदान करने के लिए कार्यपालिका भी जिम्मेदार है और अगर यह कानून के मापदंडों के भीतर काम करती है तो किसी के लिए अदालतों में आने की कोई आवश्यकता नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘सभी तंत्रों की तरह, न्यायपालिका भी कुछ मूलभूत समस्याओं का सामना कर रही है। मेरे पूर्ववर्तियों, प्रधान न्यायाधीशों ने भी इन मुद्दों का उल्लेख किया था। मैं भी उन मुद्दों को उठा रहा हूं। यह मेरे उत्तराधिकारियों के लिए भी एक चिरस्थायी समस्या होगी, क्योंकि धीरे-धीरे हम न्यायपालिका और कानूनी शिक्षा के महत्व को भूल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि न्यायिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने की जरूरत है और इससे अदालतों के प्रति सम्मान बढ़ेगा।

अभिनंदन कार्यक्रम में रोटरी क्लब द्वारा न्यायमूर्ति रमण को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार दिया गया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप सभी जानते हैं कि कानून का शासन कितना महत्वपूर्ण है। यदि किसी देश में कानून का शासन नहीं हो, तो अराजकता फैल जाती है। यह लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए खतरा है। कानून के शासन के बारे में जनता को जागरूक करने की जरूरत है।’’

न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि देश की कानूनी प्रणाली का भारतीयकरण करना समय की आवश्यकता है और न्याय वितरण प्रणाली को अधिक सुलभ तथा प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आम लोगों के लिए अदालती कार्यवाही को समझने के वास्ते कानूनी प्रक्रियाओं का सरलीकरण जरूरी है।

लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक किए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि रोटरी क्लब जैसे संगठनों को जनता के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश आंध्र प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतकौन हैं मोहम्मद मुकिम?, सोनिया गांधी को पत्र लिखकर ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास के नेतृत्व पर उठाए सवाल

क्रिकेटICC T20 World Cup 2026: जानिए टिकट रिलीज़ की तारीख, कीमत, कैसे बुक करें और भी बहुत कुछ

भारतDelhi Riots Case: उमर खालिद को बहन की शादी में शामिल होने के लिए 2 हफ़्ते की अंतरिम ज़मानत मिली

क्राइम अलर्टअरुणाचल प्रदेश: खाई में ट्रक, तिनसुकिया के 14 लोगों की मौत और 7 घायल

भारतकफ सिरपः एसटीएफ की गिरफ्त में अभिषेक और शुभम, 15 दिन से तलाश कर रहे थे अधिकारी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में भेजते थे दवा

भारत अधिक खबरें

भारततमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और अंडमान और निकोबार में बढ़ी SIR की समयसीमा, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

भारतपश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने SIR के खिलाफ महिलाओं को सीधे भड़काया, कहा- 'आपके पास किचन के औजार हैं'

भारतछत्तीसगढ़ ट्रेन दुर्घटना जांच: परीक्षा में फेल और ट्रेन चलाते समय फोन पर लेता था जानकारी?, रेलवे ने अयोग्य लोको पायलट को किया नियुक्ति, 12 की मौत और 19 यात्री घायल

भारतनगर निगम चुनाव से पहले अमित शाह से मिले महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण, सीएम देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच चर्चा की जानकारी

भारतबिहार चुनाव में हार के बाद राजद में भगदड़, पूर्व सांसद और विजय कृष्ण ने दिया इस्तीफा, लालू प्रसाद यादव को लिखा भावुक पत्र