Maratha Quota Stir: महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को अधिसूचना जारी कर मराठा समुदाय के सदस्यों के उन सभी सगे-संबंधियों को कुनबी के रूप में मान्यता दे दी है, जिनके कुनबी जाति से संबंध होने के रिकॉर्ड मिले हैं। कुनबी एक कृषक समुदाय है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारंगे पाटिल ने कहा कि यह संघर्ष मराठों के लिए आरक्षण के लिए था, हम यहां 54 लाख कुनबी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आए थे, हम पिछले चार महीनों से संघर्ष कर रहे हैं, मेरी पीढ़ी ने इस आरक्षण के लिए संघर्ष किया है। 300 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की। हम ओबीसी और मराठों के बीच कोई दरार नहीं आने देंगे, लेकिन वे हमारे बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं होगा। ओबीसी और मराठों के बीच बहुत प्यार है, हम सब एक साथ हैं।
मराठा समुदाय के आरक्षण को लेकर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले कार्यकर्ता मनोज जरांगे समुदाय के सभी लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि मसौदा नियमों को ‘महाराष्ट्र अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जनजाति, घुमंतू जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विशेष पिछड़ा वर्ग (जारी करने और सत्यापन का विनियमन) जाति प्रमाणपत्र (संशोधन) नियम’ 2024 कहा जा सकता है।
इसमें कहा गया कि यदि कोई आवेदक अपने ऐसे सगे-संबंधी के साथ संबंध को साबित करने वाला हलफनाम दाखिल करता है तो उसे कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी किये जाएंगे। यह प्रमाणपत्र सिर्फ उन्हीं सदस्यों को जारी किये जाएंगे जिनके कुनबी जाति से संबंध होने के रिकॉर्ड मिले हैं। उन्होंने कहा कि जांच और सत्यापन के बाद कुनबी जाति प्रमाणपत्र तुरंत जारी किया जाएगा।
जरांगे ने 20 जनवरी को हजारों समर्थकों के साथ जालना जिले से मुंबई के लिए मार्च निकाला था। उनकी मांग है कि राज्य सरकार की ओर से नौकरियों और शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह के तहत मराठों को आरक्षण दिया जाए। सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठों को आरक्षण देने में सरकार के विफल रहने पर 26 जनवरी से मुंबई में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की थी।