नई दिल्ली: एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, ''मुझे नहीं पता कि वे इसे पेश करेंगे या नहीं।" एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर दूसरे टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने महुआ मोइत्रा से उलट बयान देते हुए कहा, "चर्चा तो होनी चाहिए।"
ऐसा माना जा रहा था 4 दिसंबर को शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ 'कैश-फॉर-क्वेरी' आरोपों की जांच करने वाली आचार समिति पहली बार लोकसभा में अपनी रिपोर्ट रखेगी। लोकसभा के सूचीबद्ध एजेंडे में उल्लेख किया गया है कि आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर और समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी सदन की पहली रिपोर्ट (हिंदी और अंग्रेजी संस्करण) सदन के पटल पर रखेंगे।
लेकसभा आचार समिति ने पिछले महीने स्पीकर ओम बिरला को 'कैश-फॉर-क्वेरी' मामले से संबंधित अपनी मसौदा रिपोर्ट सौंपी थी। सूत्रों ने कहा कि समिति ने मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की थी। आचार समिति, जिसने जांच की थी भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों ने 9 नवंबर को अपनी 500 पन्नों की रिपोर्ट को अपनाया, जिसमें मोइत्रा को उनके "अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक जघन्य और आपराधिक आचरण" के मद्दनेजर 17वीं लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी।
आज हुई गठबंधन बैठक पर टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, "हां, इसकी जानकारी नहीं दी गई। इसलिए वे(मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) कल नहीं आ पाएंगी।" पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा, "ये अपने स्वार्थ के लिए साथ आते हैं, अब इन्होंने देख लिया कि कांग्रेस क्या है और इनके साथ जाने का कोई फायदा नहीं है। ये लोग सब कुछ फायदे के लिए करते हैं।"
इंडिया गठबंधन की 6 दिसंबर को होने वाली बैठक पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है और मेरे उत्तर बंगाल के कुछ कार्यक्रम तय हैं, अगर इस बारे में जानकारी होती तो मैं उत्तर बंगाल के कार्यक्रम में नहीं जाती। मैं उत्तर बंगाल के दौरे पर जा रही हूं।"