नई दिल्ली: देश की राजधानी के सिविल लाइंस इलाके स्थित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के 'सौंदर्यीकरण' पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च होने पर विवाद के बीच आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है। आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने ट्वीट कर दिल्ली से उपराज्यपाल से गुजारिश की कि वे अरविंद केजरीवाल का सरकारी आवास ले लें और अपना आवास मुख्यमंत्री को दें।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'उपराज्यपाल सर भाजपा की मीडिया कह रही है की अरविंद केजरीवाल जी ने अपने लिए 45 करोड़ का महल बनवाया। आप ये महल ले लीजिए और अरविंद जी को अपना गरीब ख़ाना दे दीजिए ताकि बहस जनता के मुद्दों पर हो पाए।'
गौरतलब है कि इस पूरे मामले को लेकर भाजपा ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला किया। दूसरी ओर कांग्रेस ने भी केजरीवाल पर निशाना साधा है। भाजपा ने 'नैतिक' आधार पर केजरीवाल से इस्तीफे की भी मांग की।
'आप' नेता राघव चड्ढा ने कहा- PWD ने की थी सिफारिश
इन विवादों के बीच दिल्ली सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई लेकिन सत्तारूढ़ 'आप' ने भाजपा पर पलटवार किया। राघव चड्ढा ने ‘टाइम्स नाउ’ से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आवास 75-80 साल पहले 1942 में बनाया गया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने ऑडिट के बाद इसके जीर्णोद्धार की सिफारिश की थी।
पीटीआई के अनुसार पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यह नवीनीकरण नहीं था और पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया ढांचा बनाया गया है। वहां उनका शिविर कार्यालय भी है। खर्च लगभग 44 करोड़ रुपये है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि पुराने ढांचे को नए के साथ बदला गया है।'
वहीं, सूत्रों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि 43.70 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि के मुकाबले कुल 44.78 करोड़ रुपये सिविल लाइंस में छह-फ्लैगस्टाफ रोड पर केजरीवाल के सरकारी आवास के ‘‘अतिरिक्त निर्माण या बदलाव’’ पर खर्च किए गए। दस्तावेजों से पता चलता है कि राशि नौ सितंबर, 2020 से जून, 2022 के बीच छह किस्तों में खर्च की गई।
दस्तावेजों के मुताबिक, कुल खर्च में 11.30 करोड़ रुपये आंतरिक सज्जा, 6.02 करोड़ रुपये पत्थर और मार्बल फर्श, एक करोड़ रुपये इंटीरियर कंसल्टेंसी, 2.58 करोड़ रुपये बिजली संबंधी फिटिंग और उपकरण, 2.85 करोड़ रुपये अग्निशमन प्रणाली, 1.41 करोड़ रुपये वार्डरोब और एसेसरीज फिटिंग पर और किचन उपकरणों पर 1.1 करोड़ रुपये का खर्च शामिल है।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी मंगलवार को केजरीवाल के लोक सेवक के रूप में अपने पद पर बने रहने के अधिकार पर सवाल उठाया। माकन ने कहा कि केजरीवाल ने कथित तौर पर अपने आलीशान बंगले पर सार्वजनिक धन के 45 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें वियतनाम मार्बल, महंगे पर्दे और महंगे कालीन जैसी फालतू चीजें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी का नाम 'आम आदमी पार्टी' रखने और एक आम आदमी की तरह रहने की प्रतिज्ञा करने के बावजूद केजरीवाल ने अपने बंगले पर एक बड़ी राशि ऐसे समय खर्च की जब दिल्ली के लोगों को कोविड महामारी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की सख्त मांग थी।
आप के राज्यसभा सांसद चड्ढा ने हालांकि भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, "यह सरकारी आवास है, यह अरविंद केजरीवाल की संपत्ति नहीं है।" चड्ढा ने कहा, ‘‘जब तक आप दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास की प्रधानमंत्री के आवास और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आवासों के खर्च से तुलना नहीं करते हैं, तब तक आपको यह कैसे पता लगेगा कि यह कम है या अधिक?’’ उन्होंने दिल्ली में केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर खर्च की गई राशि का बचाव करने के लिए प्रधानमंत्री और भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्रियों पर खर्च का भी हवाला दिया।
(भाषा इनपुट)