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Jammu Kashmir: आतंकी मसूद अजहर की तालिबानी नेताओं से मुलाकात, भारतीय सुरक्षाबलों ने कश्मीर के अंदर और सीमाओं में पुख्ता किए सुरक्षा इंतजाम

By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 28, 2021 6:38 PM

जैश-ऐ-मुहम्मद के मुखिया मसूद अजहर की अफगानिस्तान में तालिबानी नेताओं से मुलाकात की खबरों के बाद कश्मीर के भीतर और सीमाओं पर तालिबान से निपटने की तैयारियां तेज हो चुकी हैं. सुरक्षाधिकारियों को पूरी आशंका है कि पाक समर्थित आतंकी गुटों की ‘मदद’ के लिए तालिबान कश्मीर में घुसपैठ करेंगें.

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ठळक मुद्देजैश-ऐ-मुहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर ने की तालिबानी नेताओं से मुलाकातजम्मू-कश्मीर में जारी किया गया अलर्ट, कश्मीर के अदंर और सीमाओं पर बढ़ाई गई सुरक्षाएलएसी और एलओसी पर घुसपैठ रोकने के प्रबंध पहले से और पुख्ता

जैश-ऐ-मुहम्मद के मुखिया मसूद अजहर की अफगानिस्तान में तालिबानी नेताओं से मुलाकात की खबरों के बाद कश्मीर के भीतर और सीमाओं पर तालिबान से निपटने की तैयारियां तेज हो चुकी हैं. सुरक्षाधिकारियों को पूरी आशंका है कि पाक समर्थित आतंकी गुटों की ‘मदद’ के लिए तालिबान कश्मीर में घुसपैठ करेंगें.

यूं तो भारतीय सेनाधिकारी दावा करते हैं कि कश्मीर के भीतर, एलओसी और सीमाओं पर घुसपैठियों से निपटने के लिए किए जाने वाले प्रबंध बहुत ही पुख्ता हैं, फिर भी उन्हें यहां एलओसी के गैपों की चिंता सता रही है. वहीं अब अन्य रास्तों से आने वाले आतंकियों की बढ़ती संख्या परेशानी का सबब बनते जा रही है.

एक सेनाधिकारी के बकौलः‘हमारे जवान के लिए आतंकी, आतंकी ही होता है. वह चाहे जैश से संबंध रखने वाला हो या फिर तालिबान से. हम उसे मार गिराएंगें.’ वे मानते थे कि अगर तालिबान के कदम कश्मीर की ओर मुढ़े तो एलओसी पर आने वाले दिनों में खूनी भिड़ंतों में इजाफा होगा.

ऐसी मुठभेड़ों से निपटने के लिए एलओसी के गैप भरने व अतिरिक्त कुमुक की रवानगी अगानिस्तान के तालिबान के हाथों चले जाने के दिन से ही आरंभ हो चुकी है. साथ ही अब कश्मीर में होने वाली मुठभेड़ों के ट्रेंड पर भी नजर रखी जा रही है ताकि अंदाजा लगाया जा सके कि इन मुठभेड़ों में कोई तालिबानी तो शामिल नहीं है.

इसे अक्सर स्वीकार किया जाता रहा है कि लंबी और खतरनाक चलने वाली मुठभेड़ों में तालिबान से प्रशिक्षित आतंकी होते हैं या फिर कई बार अफगान मुजाहिदीन भी होते हैं जो अभी भी कुछ संख्या में कश्मीर में मौजूद हैं. ऐसी मुठभेड़ों के दौरान सुरक्षाबलों को भी कई बार बड़ी क्षति उठानी पड़ी है.

अब ऐसी क्षति से बचने को किए जाने वाले उपायों में एलओसी पर घुसपैठ रोधी तंत्र को मजबूत किया जा चुका है. सीमा पर ड्रोनों पर नजर रखी जा रही है तथा कश्मीर में बंकरों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही एक बार फिर सैनिक ठिकानों के आसपास घूमने वाले संदिग्धों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं.

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