हरियाणा विधानसभा चुनाव के हिसार की उकलाना (सुरक्षित) विधानसभा सीट पर एक अलग नजारा देखने को मिल रहा है। यहां से बीजेपी की उम्मीदवार आशा खेदड़ कभी अपने ससुराल बिना पर्दा के नहीं गई हैं। लेकिन ससुराल के साथ ही अब वो पूरे विधानसभा क्षेत्र में बिना पर्दे के चुनाव प्रचार कर रही हैं। ये आत्मविश्वास उन्हें ससुराल वालों की एक पहल के बाद आया।
आशा खदेड़ ने संस्कृत और अंग्रेजी में एमए किया है। उनकी पीएचडी भी पूरी होने वाली है। आशा खदेड़ ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'मेरी शादी को 13 साल हो गए। मैं अपने ससुराल कभी बिना पर्दा के नहीं आई हूं। मैं यहां कि बहू हूं। गांव वालों के लिए ये बातें मायने रखती हैं।'
पर्दा हटाने के फैसले के बारे में बताते हुए आशा ने कहा, ''टिकट की घोषणा के बाद मैं अपने ससुराल गई। वहां करीब 2 हजार लोग इकट्ठा थे। मुझे आश्चर्य हुआ कि सभी लोगों ने मुझे पर्दा हटाने के लिए जोर दिया। उन्होंने कहा कि वोटर के पास पूरे विश्वास के साथ जाएं और उन्होंने मुझे बेटी बुलाया। उन्होंने कहा कि ऐसी शुरुआत घर से ही की जानी चाहिए। अब मैं गांवों में बिना पर्दा के घूमती हूं।'
जिला परिषद सदस्य राजबीर खेदड़ का कहना है कि एक राजनेता अगर अपना चेहरा ढककर रखे तो अच्छा नहीं लगता। कल को जब वो विधानसभा के लिए चुनी जाएंगी और मंत्री बनती हैं तो बड़े-बड़े आयोजनों में पर्दे में जाना उचित नहीं लगेगा।
गांव के पूर्व सरपंच शमशेर सिंह का कहना है कि गांव की बहू होने के नाते वो पर्दे में थी। लेकिन अब वो पर्दे में रहकर वोटरों से कैसे मिलेगी। हम चाहते हैं कि वो पर्दा हटाकर चुनाव पर फोकस करे और जीत दर्ज करे।