दिल्ली/चंडीगढ़: किसानों ने बीते रविवार को केंद्र सरकार के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर चौथे दौर की बातचीत फेल होने के बाद ऐलान किया है कि वो 'दिल्ली चलो' मार्च को स्थगित करते हुए उन्हें आज तक का वक्त दिया है। हालांकि, किसान नेताओं ने यह भी कहा है कि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो वो 21 फरवरी को अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू कर देंगे।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हम लगातार एमएसपी पर सरकार के साथ चर्चा करेंगे और चाहेंगे कि सरकार हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार करे। अगर बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलता है हम 21 फरवरी को 'दिल्ली चलो' मार्च जारी रखेंगे।"
सरकार के साथ बातचीत फेल होने के बाद किसानों ने कहा कि वो लगातार सरकार से कह रहे हैं कि उनकी मांगों पर शीघ्रता से विचार किया जाए लेकिन अगर सरकार की ओर से ऐसा नहीं होता है कि उनके पास दिल्ली मार्च के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
इस बीच बीते सोमवार को पुलिस ने मानेसर में 500 से 600 किसानों के एक समूह को रोकने की तैयारी की। ये किसान अपनी मांग के संबंध में मंगलवार को दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास तक मार्च करना चाहते थे। किसानों का यह मार्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अध्यादेश की मांग के साथ किसानों की मांग के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए आयोजित किया गया था, जो पिछले सप्ताह से हरियाणा-पंजाब सीमा के पास अपनी मांग को लेकर डंटे हुए हैं।
इसी के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने "सार्वजनिक व्यवस्था" बनाए रखने के लिए सोमवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित 177 सोशल मीडिया खातों को आपातकालीन रूप से ब्लॉक करने का आदेश दिया है।
मालूम हो कि किसानों का विरोध प्रदर्शन 13 फरवरी को शुरू हुआ था। किसान नेता अब दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इससे पहले पुलिस ने उन्हें सीमा पार करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया है। इस बीच हरियाणा सरकार ने सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को दो और दिनों के लिए सोमवार तक बढ़ा दिया है। यह प्रतिबंध अम्बाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में लागू है।