Odd Even Rule: राजधानी दिल्ली में जहरीली हो रही हवा के बीच दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 1 नवंबर को दिल्ली सचिवालय में सभी वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम कैसे लगाई जाए। इस पर गोपाल राय अधिकारियों के साथ मंथन करेंगे।
क्योंकि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। बुधवार को सफर इंडिया के अनुसार दिल्ली में एक्यूआई 336 तक पहुंच गया जो कि बहुत खराब श्रेणी में है।
इधर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) ने भी लगातार दिल्ली के लिए बताया है कि यहां की हवा बेहद ही खराब श्रेणी में है। सुबह 9 बजे तक दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 373 दर्ज किया गया। इधर, लोगों ने प्रदूषण से बचाव करने के लिए मास्क पहनना शुरू कर दिया है। वहीं दिल्ली सरकार भी प्रदूषण को रोकने के लिए तमाम मुमकिन प्रयास करने में लगी है।
हालांकि इन सबके बीच आज हम आपको ऑड-ईवन के बारे में बताने जा रहे हैं। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार लागू कर सकती है ऑड-ईवन का फॉर्मूला। आइए जानते हैं।
ऑड-ईवन के दौरान इस नंबर की गाड़ियां ही सड़क पर दिखाई देंगी
मान लीजिए दिल्ली में दो सप्ताह के लिए ऑड-ईवन लागू कर दिया गया है। ऐसे में एक सप्ताह के लिए ऑड नंबर की गाड़ियां सड़कों पर दिखाई देंगी। वहीं दूसरे सप्ताह में ईवन नंबर की गाड़ियां दिखाई देंगी। पहले सप्ताह जिसे ऑड नंबर के लिए चुना गया है। इसमें 1, 3,5,7,9 नंबर की गाड़ियां की सड़कों पर दिखाई देंगी। वहीं ईवन में 2,4,6,8 नंबर की गाड़ियां दूसरे सप्ताह में दिखाई देंगी।
हालांकि, अगर कोई ऑड नंबर के दिनों में ईवन नंबर की गाड़ियां सड़क पर लेकर आता है तो इस पर भारी जुर्माना का प्रावधान भी है। हालांकि, ऑड-ईवन से सीएनजी संचालित गाड़ियों को छूट रहती है।
ऑड-ईवन के फायदे, नुकसान
दिल्ली में ऑड-ईवन लागू होने से कई फायदे भी देखने को मिलते हैं। दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या कम हो जाती है। कम संख्या में गाड़ियां सड़कों पर दिखाई पड़ती हैं। इससे ईंधन से होने वाला प्रदूषण कम होता है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोग पब्लिक वाहन का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, उन लोगों के लिए काफी दिक्कतें होती हैं जिनके घर में ऑड नंबर की गाड़ियां हैं या फिर ईवन नंबर की।