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एशिया का सबसे बड़ा और कुशल नौसैन्य बेस बनेगा कारवार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की प्रोजेक्ट सीबर्ड की समीक्षा

By अभिषेक पारीक | Updated: June 24, 2021 21:39 IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह कारवार नेवी बेस को एशिया के सबसे बड़े नौसैन्य अड्डे के रूप में विकसित करना चाहते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को नौसेना के कारवार अड्डे का दौरा किया।

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ठळक मुद्देराजनाथ सिंह ने कहा कि कारवार नेवी बेस एशिया का सबसे बड़ा और कुशल नौसैन्य बेस होगा। रक्षा मंत्री ने 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' के तहत जारी बुनियादी ढांचा विकास कार्यों की समीक्षा की। राजनाथ सिंह ने कारवार और कोच्चि में भारत के प्रमुख नौसैन्य अड्डों का दौरा शुरू किया। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह कारवार नेवी बेस को एशिया के सबसे बड़े नौसैन्य अड्डे के रूप में विकसित करना चाहते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को नौसेना के कारवार अड्डे का दौरा किया और 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' के तहत जारी बुनियादी ढांचा विकास कार्यों की समीक्षा की। उनके साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह भी थे। 

रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं कारवार नौसैन्य अड्डे को एशिया का सबसे बड़ा नौसैन्य अड्डा बनाना चाहता हूं। इसके लिए यदि बजट बढ़ाने की जरूरत होगी तो इसके लिए पूरी कोशिश की जाएगी। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'प्रोजेक्ट सीबर्ड के तहत चल रहे बुनियादी ढांचे के विकास की प्रगति की समीक्षा के लिए आज कारवार नौसैन्य बेस का दौरा किया। मुझे विश्वास है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद कारवार नौसैन्य बेस एशिया का सबसे बड़ा और सबसे कुशल नौसैन्य बेस बन जाएगा।'

उन्होंने कहा कि मैं सीबर्ड प्रोजेक्ट को देखने और समझने लिए बेचैन था। मैं एक रात आईएनएस विक्रमादित्य पर था। जब मैं और एडमिरल करमबीर सिंह हेलिकॉप्टर से लौट रहे थे तो उन्होंने आसमान से मुझे कारवार दिखाया था। मैंने उस दिन कारवार को आसमान से देखा था, लेकिन आज बहुत नजदीक से इसे देखकर मैं बहुत खुश हूं। 

उन्होंने कहा कि मैं जब सीबर्ड प्रोजेक्ट का हवाई सर्वेक्षण कर रहा था, तो इसकी प्रगति और इसका भविष्य स्पष्ट रूप से देख चुका था। मुझे बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट में देश की पहली सीलिफ्ट फैसिलिटी विकसित हो चुकी है। 

नौसैन्य अड्डों का दो दिवसीय दौरा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारवार और कोच्चि में भारत के प्रमुख नौसैन्य अड्डों का गुरुवार को दो दिवसीय दौरा शुरू किया। भारतीय नौसेना कर्नाटक के कारवार में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण नौसैन्य अड्डे का विस्तार कर रही है। एक बार जब यह अड्डा पूरी तरह विकसित हो जाएगा तो यह एशिया में सबसे बड़े नौसैन्य अड्डों में से एक होगा। 

विमानवाहक जहाज विक्रांत के निर्माण की समीक्षा

सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री कोच्चि में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक जहाज (आईएसी-1) विक्रांत के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस जहाज के इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक नौसेना में शामिल होने की संभावना है। 

वरिष्ठ अधिकारियों ने की अगवानी

रक्षा मंत्री ने अपने दौरे पर आईएनएस कदंब हेलीपैड पहुंचने से पहले परियोजना क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। रक्षा प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि रक्षा मंत्री और नौसेना प्रमुख की अगवानी वाइस एडमिरल आर हरि कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने की। रक्षा मंत्री के स्वदेशी विमानवाहक पोत के निर्माण की प्रगति का जायजा लेने के लिए कोच्चि का दौरा करने का भी कार्यक्रम है। 

टॅग्स :राजनाथ सिंहरक्षा मंत्रालयभारतीय नौसेना
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