इंदौरः कोरोनो वायरस संक्रमण की रोकथाम करने पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को यहां रविवार को अलग-अलग घटनाओं में असहयोग, बदसलूकी और धमकियों तक का शिकार होना पड़ा। इन वाकयों के कई वीडियो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गये हैं। उनमें से अधिकांश वीडियो उस रानीपुरा इलाके के बताये जा रहे हैं जहां कोरोनो वायरस संक्रमण के मरीज लगातार मिलने से स्वास्थ्य विभाग की खास निगरानी है।
ऐसे ही एक वीडियो में स्वास्थ्य विभाग का एक डॉक्टर पुलिस के एक आरक्षक से मदद मांगते हुए कहता सुनायी पड़ रहा है, "आपके पास (पुलिस के) कितने जवान हैं? लोग हमारा सहयोग नहीं कर रहे हैं। जब हमने एक व्यक्ति को सड़क पर थूकने से मना किया, तो उसने हमारे लिये अपशब्दों का इस्तेमाल किया और मुझे धमकी भी दी कि वह मुझे डॉक्टर की नौकरी से हटवा देगा।"
सोशल मीडिया पर वायरल एक अन्य वीडियो में रानीपुरा को संक्रमणमुक्त करने निकले स्वास्थ्य कर्मियों को कुछ रहवासी अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए धमका रहे हैं। इस वीडियो में एक रहवासी को यह कहते सुना जा सकता है कि स्वास्थ्य कर्मी अपनी गाड़ी समेत तुरंत रवाना हो जायें। वरना उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
इन वाकयों के बारे में पूछे जाने पर सेंट्रल कोतवाली पुलिस थाने के प्रभारी बीडी त्रिपाठी ने कहा, "आला अफसरों और प्रभावशाली हस्तियों की मदद से रानीपुरा के रहवासियों को कोरोनो वायरस संक्रमण को लेकर जागरूक किया जा रहा है। जहां तक इस इलाके में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा का सवाल है, तो वहां पुलिस बल पहले से तैनात है।"
इंदौर, राज्य में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर है। कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज सामने आने के बाद प्रशासन ने बुधवार से शहरी सीमा में लॉकडाउन की जगह कर्फ्यू लागू कर दिया था। अब तक मिली रिपोर्टों के मुताबिक इंदौर के 20 मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण की तसदीक हुई है। इनमें शामिल 65 वर्षीय पुरुष की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।
इसके अलावा, शहर के रानीपुरा क्षेत्र में रहने वाले 70 वर्षीय पुरुष ने शनिवार को एक सरकारी अस्पताल में दम तोड़ा। वह कोरोनो वायरस संक्रमण का संदिग्ध मरीज था। हालांकि, इस संक्रमण को लेकर उसकी जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आयी है।