नई दिल्लीः कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, हिमाचल प्रदेश के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्व दिग्गज कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जहां तक आजाद साहब से मुलाकात का सवाल है, हम बरसों से एक ही पार्टी में थे और हमने कुछ मांगें रखी थीं। उन मांगों को स्वीकार कर लिया गया और पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव हो रहे हैं। फिर भी, उन्होंने छोड़ने का फैसला किया। हमने उनसे कारण पूछा लेकिन कोई कड़वाहट नहीं थी।
हुड्डा ने गुलाम नबी आजाद से उनकी मुलाकात को लेकर कुमारी सैलजा द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि वह गांधी परिवार के साथ पहले भी खड़े थे और आज भी खड़े हैं। उन्होंने सैलजा पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की, हालांकि तंज कसते हुए यह कहा कि कई बार लोग हताशा में आकर कुछ बोल देते हैं।
आजाद से हुड्डा के मुलाकात करने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा ने कहा है कि इस कदम ने पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को भ्रमित तथा निराश किया है। ऐसी खबर है कि कांग्रेस कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) की सदस्य और पार्टी की हरियाणा इकाई की पूर्व अध्यक्ष सैलजा ने पार्टी के आलाकमान के समक्ष हुड्डा के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है और उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने की मांग की है।
हुड्डा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आजाद साहब का जहां तक सवाल है, हम इतने साल एक ही परिवार में रहे, एक ही पार्टी में रहे। हमने कुछ मांग रखी थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने वो मांग मान ली। पार्टी में चुनाव हो रहे हैं। उसके बावजूद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। हमने तो उनसे कहा कि आपने पार्टी क्यों छोड़ दी। कोई कटुता की बात नहीं है।’’
सैलजा के बयान पर उन्होंने कहा, ‘‘ कौन क्या-क्या कह रहा है,मैं कुछ नहीं कह सकता...कई बार लोग फ्रस्ट्रेशन (हताश होकर) में कुछ कह देते हैं।’’ उन्होंने 1990 के दशक में सोनिया गांधी के अमेठी दौरे का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम इस परिवार (गांधी परिवार) के साथ पहले भी खड़े थे और आज भी खड़े हैं।’’
हुड्डा के अलावा जी-23 के दो अन्य सदस्यों आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चह्वाण ने मंगलवार को आजाद से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की थी। आजाद ने गत शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। सोमवार को उन्होंने अपने पुराने दल और उसके नेतृत्व पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि ‘बीमार’ कांग्रेस को दुआ की नहीं, दवा की जरूरत है, लेकिन उसका इलाज ‘कम्पाउंडर कर रहे हैं।
(इनपुट एजेंसी)