वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में बताया कि बैंक में पैसा डूबने की स्थिति में मिलने वाली बीमा राशि को सरकार ने बढ़ाकर सरकार ने 5 लाख रुपये करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि 1993 के बाद से अब तक डिपॉजिट गारंटी को नहीं बदला गया था। इसके पहले जमाकर्ता को इसके तहत 1 लाख रुपये दिए जाते हैं।
बता दें कि पिछले दिनों पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) से जुड़े मामले में सरकार और आरबीआई को आलोचना का सामना करना पड़ा था। पिछले साल सितंबर में PMC बैंक का कामकाज बंद हो गया था।
इससे हजारों जमाकर्ता फंस गए थे। व्यवसाईयों ने सरकार के इस फैसले पर कहा, 'PMC बैंक क्राइसिस को देखते हुए डिपॉजिट कवर को दोगुना करने से बैंक खाताधारकों को बड़ी राहत मिलेगी।' बहरहाल, इस मोर्चे पर वित्त मंत्री ने उम्मीद से ज्यादा दिया। आपकी सुरक्षित जमा राशि अब 1 लाख की बजाय 5 लाख रुपये होगी।
अभी तक DICGC ऐक्ट 1961 के तहत एक लाख रुपये तक की जमा रकम पर इंश्योरेंस कवर है और अगर बैंक डूब जाए तो इस लिमिट से आगे की जमा रकम की वापसी की गारंटी नहीं है। यह कम्पनसेशन तय किए हुए 25 साल से ज्यादा हो चुके हैं।