भोपाल, 23 दिसंबर मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बृहस्पतिवार को ‘मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण व नुकसानी की वसूली विधेयक-2021’ बिना चर्चा के विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन में पारित कर दिया गया।
इस विधेयक को प्रदेश के विधि एवं विधायी कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विपक्षी दलों के विरोध के बीच बुधवार को पटल पर रखा था और आज इस पर चर्चा होनी थी, लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के हंगामे के बीच यह विधेयक बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
बाद में मिश्रा ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए इस विधेयक के बारे में कहा, ‘‘यह विधेयक आज विधानसभा से पारित हो गया है। शासकीय, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को विरोध प्रदर्शन, जुलूस या सांप्रदायिक दंगे के दौरान नुकसान पहुंचाने वाले अब कानून के दायरे में आ गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज एक पलायन वाली सोच सदन में दिखी। सदन में हंगामा करना और हर चर्चा से भागना कांग्रेस की पलायनवादी सोच को दिखाता है।’’
मिश्रा ने कहा, ‘‘जिस विषय पर स्थगन आ चुका हो, जिस विषय पर स्थगन पर चर्चा हो चुकी हो, जिस विषय पर अध्यक्ष की व्यवस्था आ चुकी हो, उस विषय पर भी हल्ला करना समझ नहीं आया। लगातार रोज प्रश्नकाल को बाधित करना, ये विपक्ष की सोची समझी रणनीति है, क्योंकि ये चर्चा से भागते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष ने प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानकर्षण प्रस्ताव एवं विधेयकों पर भी चर्चा नहीं की।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘आखिर यह कैसा विपक्ष है? ऐसा अकर्मण्य और नाकारा विपक्ष मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखा। यह विपक्ष जनहित के मुद्दों को उठाता ही नहीं है।’’
मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि सदन बाहुबल से नहीं बुद्धि बल से चलता है। उन्होंने कहा कि इस हंगामे के बीच वर्ष 2021-22 का करीब 1971.94 करोड़ रूपये का द्वितीय अनुपूरक बजट भी पारित हो गया।
इस अनुपूरक बजट की मांग वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में की थी और कल इस पर अधूरी चर्चा भी हुई थी।
अनुपूरक बजट एवं लोक एवं निजी संपत्ति के नुकसान एवं वसूली संबधी विधेयक के पारित होने के बाद अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्षी दल कांग्रेस के हंगामे के बीच ही दोपहर 12.42 बजे सदन की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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