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जदयू के साथ किसी प्रकार के मतभेद नहीं, बिहार प्रदेश भाजपा ने कहा, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के बयान का गलत अर्थ निकाला गया

By एस पी सिन्हा | Updated: December 17, 2021 14:26 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार 2024 तक भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य से काम कर रही है।

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ठळक मुद्देमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के लिए बार-बार विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है।योजना और कार्यान्वयन मंत्री बिजेंद्र यादव के माध्यम से नीति आयोग को एक पत्र भेजा था।बिहार में भाजपा नेताओं द्वारा सड़क किनारे नमाज पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करने पर भी नाराजगी व्यक्त की थी।

पटनाः बिहार प्रदेश भाजपा ने अपनी पार्टी के नेताओं की विभिन्न मुद्दों पर अलग राय के परिप्रेक्ष्य में सहयोगी जदयू के साथ किसी प्रकार के मतभेद की अटकलों को खारिज किया है। भाजपा नेताओं की विभिन्न मुद्दों पर अलग राय के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी जताई थी।

राज्य की उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के उस बयान के बाद राजग गठबंधन में मतभेद की अटकले लगायी जाने लगी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार को विशेष श्रेणी के दर्जे की जरूरत नहीं है। नीतीश ने रेणु देवी के उस बयान पर हैरानी व्यक्त की थी जब राज्य सरकार ने अपने योजना और कार्यान्वयन मंत्री बिजेंद्र यादव के माध्यम से नीति आयोग को एक पत्र भेजा था जिसमें रेखांकित किया गया था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से राज्य के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

उन्होंने बिहार में भाजपा नेताओं द्वारा सड़क किनारे नमाज पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करने पर भी नाराजगी व्यक्त की थी। हालांकि बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी कर कहा कि बिहार में राजग एकजुट है और कुछ नेताओं की व्यक्त ‘‘व्यक्तिगत राय’’ ‘‘गठबंधन’’ में मतभेद पैदा नहीं कर सकती।

नीतीश और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी प्रमुख विपक्षी दल राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद शक्तिशाली ओबीसी नेता हैं जो 1990 के दशक के मंडल मंथन से उभरे हैं। दोनों ने 2015 के विधानसभा चुनावों से पहले एक संक्षिप्त अवधि के लिए हाथ मिलाया था, जिसमें उन्होंने भाजपा को करारी शिकस्त दी थी।

बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर जदयू के साथ आया राजद

राष्ट्रीय जनता दल ने केन्द्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। इसके साथ ही जाति आधारित जनगणना और विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर दोनों विरोधी पार्टियां साथ आ गयी हैं, वही आश्चर्य की बात है कि दोनों ही मुद्दों पर जदयू को अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा का साथ नहीं मिला है। राजद नेता मनोज कुमार झा ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।

हालांकि, ऐसे ही अन्य सभी मामलों की तरह राज्यसभा में उनका नोटिस भी स्वीकार नहीं किया गया, लेकिन बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी का इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी (जदयू) के साथ खड़े होने के कारण इसने खूब सुर्खियां बटोरी हैं।

इससे पहले राजद और जदयू जाति आधारित जनगणना को लेकर एकमत थे, जबकि जदयू का सहयोगी दल भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) दोनों ही मुद्दों के खिलाफ है। सतत विकास लक्ष्यों के संबंध में नीति आयोग द्वारा की गई राज्यों की रैंकिंग देखें तो बिहार ज्यादातर मानकों में सूची में सबसे नीचे है, यह रेखांकित करते हुए झा ने कहा कि यह सभी के लिए संयुक्त रूप से चिंता का विषय होना चाहिए।

टॅग्स :बिहारपटनाजेडीयूBJPनीतीश कुमार
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