Bihar Caste Census: बिहार में जातीय जनगणना का काम सरकार जल्द ही शुरू करने जा रही है. एक अनुमान के मुताबिक इसपर करीब 500 करोड रुपए खर्च होंगे. ऐसे में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने घोषणा की है कि बिहार में जातीय जनगणना के लिए सरकार को मदद करेगी.
वीआईपी प्रमुख व पूर्व मंत्री मुकेश सहनी पहले ही इसका समर्थन कर चुके हैं. मुकेश सहनी पहले ही कह चुके हैं कि अगर बिहार में जातीय जनगणना होती है तो पार्टी फंड से सरकार को पांच करोड़ रुपए देंगे. अब वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा है कि सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि इसका बोझ सरकारी खजाने और आम जनता पर नहीं पडे़.
उन्होंने कहा है कि वीआईपी हमेशा से बिहार में जातीय जनगणना कराने के पक्ष में रही है. देव ज्योति ने कहा है कि शुरुआती दौर में पांच सौ करोड़ रुपए खर्च आने की संभावना जताई गई है, जो आगे बढ़कर दो हजार करोड़ रुपए भी हो सकती है. ऐसे में सरकार के राजकोष पर भारी-भरकम दबाव बन सकता है.
जिससे इसका बोझ राज्य के खजाने और आम लोगों पर पड़ेगा. देव ज्योति ने कहा कि सरकार को ऐसी पहल करनी चाहिए कि सभी सांसद, विधायक और विधान पार्षद के फंड से कुछ राशि जातीय जनगणना के लिए सरकार इस्तेमाल कर सके.
इससे एक तरफ सरकार के पास फंड एकत्र होगा, वहीं दूसरी तरफ आम जनता पर भी दबाव कम पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निषाद आरक्षण को लेकर पूर्व में अग्रसारित प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि निषाद आरक्षण पर जल्द से जल्द निर्णय लें.