Hajipur Lok Sabha seat 2024: चाचा पशुपति कुमार पारस खफा!, चिराग के सामने शिवचंद्र राम, पिता राम विलास पासवान की विरासत को बचाए रखने की चुनौती
By एस पी सिन्हा | Published: May 14, 2024 05:48 PM2024-05-14T17:48:45+5:302024-05-14T17:51:43+5:30
Hajipur Lok Sabha seat 2024: राम विलास पासवान ने अपने जीते जी इस सीट को अपने भाई पशुपति कुमार पारस के हवाले कर दिया था।
Hajipur Lok Sabha seat 2024: बिहार की हाजीपुर सीट पर इस बार राजद और लोजपा(रा) की बीच कड़ा मुकाबला होता दिख रहा है। कभी राम विलास पासवान का पर्याय बनी इस सीट से इसबार उनके पुत्र चिराग पासवान मैदान में हैं। जबकि राजद ने शिवचंद्र राम को मैदान में उतार कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। इस सीट से राम विलास पासवान ने यहां से न सिर्फ आठ बार संसद में प्रवेश किया बल्कि 1977 में 89 फीसदी वोट पाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज कराया। राम विलास पासवान ने अपने जीते जी इस सीट को अपने भाई पशुपति कुमार पारस के हवाले कर दिया था।
पापा की कर्मभूमि रही हाजीपुर की पावन धरा पर देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री @narendramodi जी का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति हम सबमें एक नई ऊर्जा का संचार करती है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी का ये स्नेह और प्यार मुझे गौरवान्वित करता है। आज मेरे समर्थन… pic.twitter.com/dpT1H5KcsH
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) May 13, 2024
लेकिन 2020 में रामविलास की मृत्यु के बाद, चिराग और चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच उनकी विरासत पर दावा करने की लड़ाई छिड़ गई। रामविलास के निधन के बाद लोजपा दो गुटों में बंट गई। चिराग और उनके चाचा पारस में मतभेद हो गया। दोनों अलग अलग पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। इस सीट पर दोनों ने दावेदारी की, लेकिन अंत में यह सीट चिराग के हाथ आ गई।
हाजीपुर की पहचान , हेलीकॉप्टर का निशान!
— Lok Janshakti Party (@LJP4India) May 14, 2024
जमुई एवं खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी श्री अरुण भारती जी एवं श्री राजेश वर्मा जी ने हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में नुक्कड़ सभा कर हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से एनडीए प्रत्याशी आदरणीय श्री @iChiragPaswan… pic.twitter.com/CEbn9FHpda
चाचा पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा भी एनडीए के साथ
हालांकि उनके चाचा पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा भी एनडीए के साथ है। पिछले चुनाव में चिराग जमुई से सांसद चुने गए थे। सियासत चार दशक तक रामविलास पासवान के इर्द गिर्द घूमती रही है। पिछले चुनाव से इस बार परिस्थितियां बदली नजर आ रही हैं। पिछले चुनाव से अलग इस चुनाव में रामविलास की इस कर्मभूमि से उनके पुत्र चिराग पासवान चुनावी मैदान में उतरे हैं।
इस चुनाव में जहां पासवान को जाति के आधार पर वोट, भाजपा और जदयू के कैडर वोट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भरोसा है। वहीं राजद के प्रत्याशी को अपने सामाजिक समीकरण से चुनावी वैतरणी पार करने का विश्वास है।
अति पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं
इस क्षेत्र में मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में दोनों गठबंधनों के नेता भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जातीय आधार पर इस क्षेत्र में यादव, राजपूत, भूमिहार, कुशवाहा और पासवान की संख्या अधिक है। अति पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं।
हाजीपुर में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना
कुल मिलाकर चिराग पासवान को जहां सवर्ण जातियों के साथ-साथ मोदी और नीतीश के नाम और भाजपा के कैडर वोटों का सहारा है, वहीं शिवचंद्र राम को अपने वोट बैंक पर भरोसा है। अब इनके भरोसा पर मतदाता कितने खरा उतरते हैं, यह तो चार जून को चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा। हाजीपुर में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है।