पटनाः बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के आज तीसरे दिन भी सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले और सदन के अंदर विपक्ष ने जबर्दस्त हंगामा किया. विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्य में सुशासन के दावों को विपक्षी सदस्यों ने पोल खोल दिया.
भाकपा-माले विधायक महबूब आलम ने पुलिस और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक दलित की बेटी का बलात्कार हो जाता है. लेकिन दुर्भाग्य है कि जिस बाप की बेटी का बलात्कार होता है, वह अपनी बेटी को वापस करने की गुहार लगाने के लिए दबंगों के पास विनती करने जाता है.
शून्यकाल के दौरान महबूब आलम ने कहा कि उन्होंने कहा कि एक दलित समुदाय की बेटी का बलात्कार होता है. उसका पिता न्याय के लिए पुलिस के पास नहीं जाता है. वह उन्हीं दबंगों के पास जाता है और कहता है कि बेटी का बलात्कार तो हो ही गया है अब कम से कम उसे लौटा दो. बावजूद इसके बेटी नहीं लौटती है और पिता का पास उसका शव आता है.
उन्होंने इसका जिक्र कर राज्य में कानून-व्यवस्था की दयनीय स्थिति और पुलिस के इकबाल पर सवाल उठाया. माले विधायकों ने आरोप लगाया कि बिहार में शराबबंदी के नाम पर पुलिसिया राज स्थापित किया जा रहा है. दलितों और अति पिछड़ों के ऊपर पुलिस दमनकारी कार्यवाही कर रही है और नीतीश सरकार को शर्म नहीं आ रही.
बिहार में जहरीली शराब कांड से लगातार हो रही मौतों के लिए भी माले ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, माले के विधायकों ने विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के पहले राज्य में जहरीली शराब कांड और पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन किया है. विधायक हाथों में प्ले कार्ड लेकर विधानमंडल परिसर में प्रदर्शन करते नजर आए. उन्होंने नीतीश सरकार के ऊपर जोरदार हमला बोला है.
भाकपा माले विधायकों ने नारा लगाया..बिहार को पुलिस राज बनाना बंद करो, राजनेता प्रशासन-शराब माफिया गठजोड पर कार्रवाई करो, दलितों अतिपिछडों पर कार्रवाई क्यों, नीतीश सरकार शर्म करो, पुलिस बालू माफिया से गठजोड़, बालू माफिया संरक्षक गया की एसएसपी को निलंबित करो, जहरीली शराब से मारे गये लोगों के परिजनों को मुआवजा दो.