अनंतनाग, सात मार्च एक अनूठे पहल के तहत भारतीय सेना ने दक्षिण कश्मीर के एक गांव में आसपास के इलाकों के छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं और उच्च अध्ययन की तैयारी के लिए एक जर्जर बस स्टैंड को 'स्ट्रीट लाइब्रेरी' में तब्दील कर दिया।
अधिकारियों ने कहा कि सेना की 18 राष्ट्रीय राइफल्स ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में पुस्तकालय की स्थापना की, जिसने रानीपुरा, चिट्टीसिंगपुरा, केजरीवल और देवीपोरा गांवों के छात्रों के बीच उत्साह पैदा किया है।
उच्च कक्षाओं के छात्रों को पुस्तकों में तल्लीन होते हुए देखकर, प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों ने भी 18 आरआर के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल रोहित झा से निवेदन किया कि उनके लिए कहानी की कुछ पुस्तकें भी रखी जाए। 18 आरआर विक्टर फोर्स के अंतर्गत आता है जो दक्षिण और मध्य कश्मीर की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है।
अधिकारियों ने कहा कि सुखद आश्चर्य की बात है कि लेफ्टिनेंट कर्नल झा ने तुरंत सामाजिक संदेश देने वाली कुछ कॉमिक्स और कुछ ज्ञानवर्धक किताबों का आदेश दिया।
'स्ट्रीट लाइब्रेरी' सुबह जल्दी खुल जाती है और जल्द ही बच्चे यहां पुस्तकों के लिए जुटने लगते हैं। राष्ट्रीय राइफल्स के दो-सेक्टर मुख्यालय ने कई किताबें दान की हैं।
अनंतनाग जिले के देवीपोरा-चिट्टीसिंगपुरा चौक पर स्थित बस स्टैंड अब वास्तव में ज्ञान का केंद्र बन गया है, जहां अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और उच्च अध्ययन के लिए आने वाले युवाओं को देखा जाता है।
सेना की इकाई ने 'बुक्स ऑफ इंडिया' सोसाइटी के साथ भी करार किया है, जो इसके लिए कुछ पुस्तकों की आपूर्ति करने पर सहमत हुई है।
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