अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर राज्य सभा और लोकसभा में जनता दल (यूनाइटेड) यानि जेडीयू नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ थी, लेकिन अब उसने यूटर्न लेते हुए नरम रुख अख्तियार किया।
अब पार्टी का मानना है कि जब कोई कानून लागू हो जाता है तो यह देश का कानून बन जाता है और सभी को इसको स्वीकार करना चाहिए। दरअसल, बीते दिन बुधवार को जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह का कहना है कि संसद में विधेयक पारित होने के साथ जो कानून लागू हुआ है, वह देश का कानून बन गया है। इसे सभी को मानना चाहिए।
इस मुद्दे पर बीजेपी के साथ हमारे मतभेद रहे, हमने सदन में मतदान न करके अपना विरोध दर्ज करा दिया था। आपको बता दें कि संसद के दोनों सदनों में जदयू के सांसदों ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के प्रस्ताव का विरोध किया था।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 का विरोध किया और सदन से वॉकआउट किया था। आरसीपी सिंह ने कहा कि हम बिल का समर्थन नहीं कर सकते थे। बिल लाने से पहले हमें केंद्र द्वारा सलाह नहीं दी गई थी। हमारे संस्थापक अध्यक्ष जॉर्ज फर्नांडीस द्वारा उठाए गए कदमों के आधार पर इस मुद्दे पर एक वैचारिक स्थिति पर डटे हुए हैं।
जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार के करीबी सहयोगियों में से एक सिंह ने कहा कि वैचारिक मतभेद बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन को प्रभावित नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे वैचारिक मतभेदों का बिहार में राजग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। गठबंधन बरकरार है और हम अगले साल राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की उम्मीद कर रहे हैं।