लाइव न्यूज़ :

निसंतानता की समस्या से परेशान कई महिलाएं, टेंशन न लें, क्या है बंद फैलोपियन ट्यूब खोलने का इलाज है?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 5, 2022 17:27 IST

फैलोपियन ट्यूब में किसी तरह की रुकावट आ जाती है तो गर्भाशय की तक शुक्राणु व अंडे दोनों नहीं पहुंच पाते है। एक फैलोपियन ट्यूब बंद होने पर एक महिला के लिए गर्भधारण करने की संभावना 50 प्रतिशत तक होती है।

Open in App
ठळक मुद्देट्यूब बंद होने के बाद गर्भधारण की संभावना न के बराबर होती है। नेचुरल प्रेगनेंसी के लिए ट्यूब का खुला होना बहुत जरूरी है।फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने का कोई सटीक कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा सकता है।

शादी के बाद बहुत सी महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं। स्वास्थ्य की खराबी और जीवनशैली के चलते कई महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पहले दादी-नानी के समय में हर औरत के 5-10 बच्चे हुआ करते थे। इसी धरती पर आज के समय में बड़ी संख्या में लोग निसंतानता की समस्या से परेशान हैं।

हर 10 में से 2 महिलाएं किसी न किसी वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रही है। इसका सीधा मतलब है कि पिछले कुछ दशकों से हमने कुछ न कुछ प्रकृति के खिलाफ जाकर ऐसा जरूर किया है, जिसका यह परिणाम भुगतना पड़ रहा है। मां न बन पाने का मुख्य कारण फैलोपियन ट्यूब में रूकावत की समस्या होती है। 

ट्यूब महिला को कंसीव करने में मदद करता है इसलिए इसमें किसी तरह के ब्लॉकेज होने से गर्भावस्था हो नहीं पाती हैं। आपको बता दें की सभी महिला की 2 ओवरी होती है जिससे हर महीने केवल एक एग ही बाहर आता है। जो अंडे को गर्भाशय तक पहुंचाने का काम करती हैं। और इसी ट्यूब से एग और शुक्राणुओं के संग मिलन यानी निषेचन की प्रक्रिया को पूरी होता है।

अगर फैलोपियन ट्यूब में किसी तरह की रुकावट आ जाती है तो गर्भाशय की तक शुक्राणु व अंडे दोनों नहीं पहुंच पाते है। एक फैलोपियन ट्यूब बंद होने पर एक महिला के लिए गर्भधारण करने की संभावना 50 प्रतिशत तक होती है। जबकि दोनों ट्यूब बंद होने के बाद गर्भधारण की संभावना न के बराबर होती है। नेचुरल प्रेगनेंसी के लिए ट्यूब का खुला होना बहुत जरूरी है।

फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने का कोई सटीक कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा सकता है। लेकिन आमतौर पर पेल्विक इंफेक्शन या अन्य किसी तरह का इंफेक्शन, गर्भाशय में टीबी, बार बार मिकैरेज होना, पेट की सर्जरी और आनुवांशिकता को ट्यूब होने का कारण माना जाता है। वैसे तो बंद फैलोपियन टयूब के लक्षण नजर नहीं आते है।

इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं, जिसके बारे में एक महिला समझ नहीं पातीं। इस दौरान पेट के निचले हिस्‍से में दर्द रहना, पीरियड्स के दौरान दर्द होना, सेक्‍स करते वक्‍त दर्द या जलन और वजाइना से डिस्‍चार्ज होना आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक होने पर ज्यादातर कपल्स को आईवीएफ या सर्जरी की सलाह दी जाती है। लेकिन बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि हमारी प्रचीन पंचकर्म पद्धति में उत्तर बस्ती थेरेपी में बिना किसी चीड़ फाड़ के फैलोपियन ट्यूब को खोला जाता है। उत्तर बस्ती उपचार में गर्भाशय के जरिए फैलोपियन ट्यूब में एक विशेष प्रकार की औषधीय तेल, घी, या काढ़ा डाला जाता है।

इसको करने में मात्रा 15 से 20 मिनट तक का समय लगता है। यह थेरेपी लगातार तीन दिनों तक या रोगी के आवश्यकता के अनुसार की जाती है। उत्तर बस्ती हाइड्रोसाल्पिनक्स, पीसीओएस और पीसीओडी के इलाज में भी उपयोगी है। उत्तर बस्ती के द्वारा ट्यूब में होने वाला ब्लॉक आसानी से खुल जाता है और महिला बच्चे करने के योग्य बन जाती है।

उत्तर बस्ती ट्यूबल ब्लॉकेज महिला बांझपन के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। उत्तर बस्ती पूरे मूत्र प्रणाली जननांग अंगों को साफ करती है। यह परिसंचरण में सुधार करता है, सिस्टम के चैनल खोलता है और सभी विषाक्तता को दूर करता है। उत्तर बस्ती मूत्र प्रणाली और जननांग क्षेत्र के पारंपरिक कामकाज को भी बहाल करती है।

यह अतिरिक्त रुप से एक बहुत ही विशिष्ट क्षेत्र में पोषण प्रदान करने में मदद करती है। आयुर्वेद उन महिलाओं के लिए वरदान है जो सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना बंद ट्यूब को खोलना चाहते है। आयुर्वेद के साथ स्वस्थ आहार- स्वस्थ व्यवहार को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं, ताकि मातृत्व का जो सुख ईश्वर का आपको वरदान है, उसमें कोई व्याधा न आने पाए।

टॅग्स :डॉक्टरवीमेन हेल्थ टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यडॉ. रोहित माधव साने को “Personality of the Year 2025” का सम्मान

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यक्या आपने कभी कुत्ते को कंबल के नीचे, सोफे के पीछे या घर के पिछले हिस्से में खोदे गए गड्ढे में पसंदीदा खाना छुपाते हुए देखा है?, आखिर क्या है वजह

स्वास्थ्यDelhi Air Pollution: दिल्ली में हवा प्रदूषित, रहिए अलर्ट, गठिया रोगियों की संख्या में इजाफा, पारस और मैक्स हेल्थकेयर डॉक्टर दे रहे चेतावनी, जानिए कैसे करें बचाव

भारतRed Fort Blast: जांच के घेरे में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फंडिंग, ED ने ओखला कार्यालय में की छापेमारी

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यबोतलबंद पानी पीने वाले हो जाएं अलर्ट?, शोध में खुलासा, माइक्रोप्लास्टिक्स, रासायनिक अवशेष और बैक्टीरिया शामिल, बॉडी को लेकर हानिकारक?

स्वास्थ्यगर्भवती महिलाओं के पीने के पानी में पीएफएएस की मौजूदगी उनके शिशुओं के लिए घातक: अध्ययन

स्वास्थ्यनागपुर विधानसभा सत्रः 176 खुदरा और 39 थोक विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द, मंत्री नरहरि जिरवाल ने कहा-खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की बिक्री को लेकर एक्शन

स्वास्थ्य12 से 13 वर्ष, तंबाकू, शराब, भांग या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन?, 8वीं, 9वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के 5900 से अधिक छात्रों से प्रश्न, सर्वेक्षण में खुलासा

स्वास्थ्यबिहार हेल्थ विभागः टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन, ठेले पर स्वास्थ्य सिस्टम, बिहार में आम बात?, आखिर क्यों स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक थपथपा रहे हैं पीठ?