ब्रिटेन में ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री तो उसने मजबूरी में बनाया है क्योंकि वे ही अभी कंजरवेटिव पार्टी के अंतिम तारणहार दिखाई पड़ रहे हैं. उनका प्रधानमंत्री बनना अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की श्रेणी से बाहर का प्रपंच है.
...
पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस के आनुषंगिक संगठनों के निर्जीव होने से उनमें समाज के अलग-अलग वर्गों का प्रतिनिधित्व धीरे-धीरे समाप्त होता गया. इसलिए उन वर्गों में पार्टी की अपनी विचारधारा के प्रसार की धारा सूख गई. अब जरूरी ये भी है कि नए लोगों को मौके
...
आज मैं सोच रहा हूं भावुकता का यह सैलाब सच्चा है या हमारे राजनेताओं द्वारा धर्म और जाति के नाम पर फैलाई जाने वाली पारस्परिक घृणा? नहीं, यह कतई सही नहीं है कि हमारे देश में फैलाई जाने वाली सांप्रदायिकता हमारा स्थायी भाव है।
...
ऋषि सुनक के सामने ब्रिटेन में वैसी ही चुनौतियां हैं, जैसी शाहबाज शरीफ के सामने पाकिस्तान में है. उम्मीद की जानी चाहिए कि वे इससे निपटने में सफल होंगे. भारत के साथ ब्रिटेन के रिश्ते भी ज्यादा मजबूत और घनिष्ठ हो सकते हैं.
...
निर्वाचन आयोग ने हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों की घोषणा तो कर दी लेकिन गुजरात के लिए मतदान की तारीखों को लेकर चुप्पी साध रखी है.
...
पिछले अठारह साल से कांग्रेस के जिला स्तर के संगठन से लेकर प्रदेश स्तर तक जो भी पदाधिकारी रहे हैं, वे सोनिया और राहुल के बनाये हुए ही हैं। खड़गे अगर इन्हें बदलना चाहेंगे तो उसके लिए भी उन्हें गांधी परिवार से इजाजत लेनी पड़ेगी।
...
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) रिपोर्ट को लेकर कई सवाल उठ रहे है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि जीएचआई पर स्वाभाविक प्रश्न उठाने और इसका विरोध करने के साथ भारत को डब्ल्यूएचओ के मानकों को भी नकारना चाहिए।
...
यह पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों का नतीजा है कि आज योग, अध्यात्म, कला, आदि के क्षेत्र में भारत हर दिन नई ऊँचाइयों को हासिल कर रहा है। पीएम मोदी ने भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मंदिरों के महत्व को भी पुनर्स्थापित करने की दिशा में भी उल्लेखनीय
...
भारत की सांस्कृतिक पहचान आज भी विश्व में अनूठी है। अपने विचार, अपना भोजन, अपने कपड़े, अपनी परंपराएं, अपनी भाषा-संभाषण, अपनी मूर्तियां, अपने देवता, अपने पवित्र ग्रंथ और अपने जीवन मूल्य, यही तो है अपनी संस्कृति।
...
अंतरिक्ष के क्षेत्र में कार्यरत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’(एनएसआईएल) का पहला प्रयास था. जिसने सबसे भारी रॉकेट में ब्रिटेन स्थित नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड(वनवेब लि) के उपग्रहों को भेजा.
...