इसरो ने दुनिया को दिखाया भारत का दिवाली धमाका, 36 संचार उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: October 24, 2022 03:15 PM2022-10-24T15:15:26+5:302022-10-24T15:17:00+5:30
अंतरिक्ष के क्षेत्र में कार्यरत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’(एनएसआईएल) का पहला प्रयास था. जिसने सबसे भारी रॉकेट में ब्रिटेन स्थित नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड(वनवेब लि) के उपग्रहों को भेजा.
दिवाली के एक दिन पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) ने इतिहास रचते हुए सबसे भारी रॉकेट में 36 संचार उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेज दुनिया के सामने अपना परचम लहरा दिया.
वाणिज्यिक दृष्टि से यह मिशन महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह अंतरिक्ष के क्षेत्र में कार्यरत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’(एनएसआईएल) का पहला प्रयास था. जिसने सबसे भारी रॉकेट में ब्रिटेन स्थित नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड(वनवेब लि) के उपग्रहों को भेजा.
वनवेब एक निजी उपग्रह संचार कंपनी है, जिसमें भारत की भारती एंटरप्राइजेज एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक है. इससे इसरो से 72 उपग्रहों को भेजने का अनुबंध किया गया है. वहीं भारत ने सबसे वजनी रॉकेट, जिसकी क्षमता 8,000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने की है, में 5,796 किलोग्राम तक की क्षमता का उपयोग किया.
पूर्व में एनएसआईएल ने इसरो के एलवीएम-3 बोर्ड पर वनवेब के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए थे. तकनीकी दृष्टि से यह जहां सफलता का नया पैमाना बना, वहीं इससे विश्व को भारत की क्षमता का सही अंदाजा हुआ. माना जा रहा है कि यूक्रेन से युद्ध से पहले वनवेब ने अपने उपग्रहों को रूस से भेजने का अनुबंध किया था.
मगर तमाम पाबंदियों के बाद वह योजना आगे नहीं बढ़ पाई. दूसरी तरफ भारत की अंतरिक्ष क्षमता पर विश्वास और लागत में कमी का भरोसा दिलाने का यह मिशन दीपावली के एक दिन पहले सफल साबित हुआ. जिस वक्त रॉकेट को आसमान में छोड़ा गया, उस वक्त गजब का नजारा देखते ही बनता था.
जिसे अनेक लोगों ने अपने कैमरे में भी कैद किया. ताजा प्रक्षेपण से भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र की सेवाओं की उपलब्धता और देश में अरबों डॉलर आने की संभावनाओं के दरवाजे खुल गए हैं. वर्तमान में वनवेब ने एनएसआईएल से उपग्रह छोड़ने के लिए 1000 करोड़ रुपए से अधिक का सौदा किया है.
यदि जनवरी तक 72 उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित हो जाते हैं तो दुनिया में भारतीय अंतरिक्ष सेवाओं के प्रति आकर्षण बढ़ेगा. फिलहाल दिवाली के मौके पर इसरो ने एक बड़ा धमाका किया है, जिसकी गूंज दूर तक सुनाई दे रही है. इस बार सौदा आर्थिक दृष्टि से लाभदायक साबित होने जा रहा है, इसलिए इसे वाणिज्यिक संभावनाओं से जोड़कर देखने में कोई गुरेज नहीं है और इसमें भारत की प्रगति के सकारात्मक संकेत समाहित हैैं.