अमेरिका का पूंजीवादी समाज मूलतः उपभोक्तावादी समाज बन गया है. असल बात ये है कि हिंसा से बचने के लिए हथियार रखने की निर्बाध परंपरा ने अमेरिका में निर्बाध हिंसा को पैदा किया है.
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भारत में आजादी के बाद भी अंग्रेजी की बेल कुछ इस तरह फली-फूली कि अन्य भाषाएं हाशिए पर चली गईं. कोई सरकार या प्रशासन तंत्र इसे नहीं रोक सका. न्यायालयों का भी यही हाल रहा.
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बाल विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2008 में प्रतिवर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया था और पहली बार 24 जनवरी 2009 को देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। यह दिवस पूरी तरह से बालिकाओं को समर्पित है।
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देशवासियों ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के 18 अगस्त, 1945 को ताइपेह में हुई विमान दुर्घटना में निधन की खबर को खारिज कर उन्हें अपनी स्मृतियों में जिंदा रखा। इस उम्मीद के साथ कि वे एक बार फिर अपना महानायकत्व प्रमाणित करते हुए लौट आएंगे।
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आपको बता दें कि महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह दावा किया है कि एमओयू सिर्फ कागज पर नहीं रहेंगे, किंतु वास्तविकता यह भी है कि जो कंपनियां बीस हजार करोड़ रुपए के निवेश की बात कर रही हैं, वे बहुत छोटी हैं।
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पट्टा तो वे बांधे हुए थे, क्योंकि कार में बैठे लोगों को पट्टा बांधना अनिवार्य है लेकिन हुआ यह कि कोई टीवी चैनल वाला पत्रकार उनसे भेंटवार्ता करने कार में आ बैठा.
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इस अध्ययन में शामिल अभिभावकों के अनुसार, ऑनलाइन दुर्व्यवहार का शिकार बने बच्चों में से 14-18 आयु वर्ग की 40 प्रतिशत लड़कियां थीं, जबकि इसी आयु वर्ग के 33 प्रतिशत लड़के थे।
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भाजपा की मंशा है कि जैसे उत्तर भारत के राज्यों और केंद्र में भाजपा का नगाड़ा बज रहा है, वैसे ही सीमांत के इन प्रांतों में भी भाजपा का ध्वज फहराए। इसीलिए भाजपा के चोटी के नेता कई बार इस दूरदराज के इलाके में जाते रहे हैं।
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किसान मेहनत कर सकता है, अच्छी फसल दे सकता है, लेकिन सरकार में बैठे लोगों को भी उसके परिश्रम के माकूल दाम, अधिक माल के सुरक्षित भंडारण के बारे में सोचना चाहिए।
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