Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा इस बार पहलगाम में मासूम पर्यटकों पर किए गए नृशंस आतंकी हमले को केवल भारत के लिए ही नहीं, अमेरिका सहित दुनिया के देशों को संदेश के रूप में देखा जाना चाहिए. विशेष रूप से अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सफल वार्ता के समय पूरी तैयारी के साथ आतंकी हमला किया गया. अमेरिका सहित दुनिया को यह पता है कि 25 साल पहले 21 मार्च, 2000 को राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के कुछ घंटे पहले पाकिस्तान द्वारा भेजे गए आतंकियों ने अनंतनाग के चाटी सिंहपुरा गांव में 37 सिखों को बंदूकों से छलनी कर मार दिया था. इसके एक साल बाद ही न्यूयाॅर्क में ओसामा बिन लादेन के आतंकियों ने सबसे बड़ा आतंकी हमला किया.
इस दृष्टि से भारत पर पिछले 45 वर्षों से आतंकी हमले कर रहे पाकिस्तान को सबक सिखाने का सही अवसर आ गया है. पहलगाम की घटना पर विश्व के प्रमुख देशों के साथ इस बार चीन ने भी निंदा की है. इतिहास इस बात का भी गवाह है कि चार दशक पहले अमेरिका और चीन पाकिस्तान की सेना और गुप्तचर एजेंसी आईएसआई को हरसंभव सहायता देते रहे थे.
पिछले दस वर्षों के दौरान भारत और अमेरिका के संबंध कई गुना बेहतर हुए हैं और सामरिक क्षेत्र में व्यापक सहयोग के समझौते हैं. दूसरी तरफ हाल के वर्षों में चीन भी भारत के साथ अच्छे संबंध का प्रयास कर रहा है. यूरोप और अफ्रीका आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का साथ देते रहे हैं.
दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान जिन इस्लामिक देशों की मेहरबानी से अपना बचाव और आर्थिक लाभ करता रहा है वे देश भी अब आतंक के मुद्दे पर भारत का साथ देने को तैयार होने लगे हैं. यही नहीं, आर्थिक संबंधों में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान जैसे महत्वपूर्ण देश भारत के साथ अधिकाधिक सामरिक संबंध बना रहे हैं.
इस तरह पाक बहुत हद तक अलग-थलग पड़ता जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के दौरान विकास के प्रयास हुए, धारा 370 खत्म होने के बाद विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए और सामाजिक, आर्थिक सफलताएं मिलने लगीं. इससे लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचने लगे. इससे जम्मू-कश्मीर की जनता भी अपना कामकाज बढ़ने से प्रसन्न हो रही थी.
इस आतंकी हमले ने उन कश्मीरियों को पूरी तरह विचलित कर दिया है. आतंकवाद कोरोना की तरह ऐसा वायरस है जो बार-बार जिंदा होकर पूरी दुनिया को तबाह कर सकता है. पाकिस्तान के आतंकवाद ने तो पड़ोसी बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव को भी प्रभावित किया हुआ है.
पाकिस्तान में तैयार हो रहे आतंकी भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे कई देशों में आतंकवादी गतिविधियां चला रहे हैं. इसलिए भारत विश्व समुदाय से निरंतर आग्रह करता रहा है कि आतंकवादियों के पोषक पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित किया जाए. उसे भीख के रूप में मिलने वाली आर्थिक या सैन्य सहायता बंद की जाए.
जब अमेरिका रूस और ईरान जैसे देशों पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए दुनिया भर को तैयार कर सकता है तो फिर सैकड़ों प्रमाण सामने आने के बाद पाकिस्तान पर पूरी तरह आर्थिक प्रतिबंध लगाने का फैसला क्यों नहीं हो सकता है?