Bihar Politics: बिहार की सियासत में एकबार फिर जदयू और राजद के रिश्तों में तनातनी की खबरों ने जोर पकड लिया है। जदयू में सियासी समीकरण बदलते ही बिहार में सत्ता परिवर्तन की संभावना व्यक्त की जाने लगी है। सूत्रों की मानें तो पिछले कुछ समय से महागठबंधन में राजद और जदयू के बीच रिश्तों तकरार बढ़ा है।
यहां तक कि पिछले कुछ सप्ताह के दौरान राज्य सरकार के कई कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए। दरअसल, 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में राजद के विधायकों की संख्या अभी 79 है। ऐसे में सरकार बनाने-चलाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है।
राजद को कांग्रेस और वामदलों का साथ पहले से ही मिला हुआ है। कांग्रेस के 19 और वामदलों के 16 विधायक शुरू से ही राजद के साथ हैं। यानी राजद, कांग्रेस और वामदलों को जोड़कर 114 विधायक हैं। वहीं जदयू के पास महज 45 विधायक हैं। इसके साथ ही एक निर्दलीय और एक ओवैसी की पार्टी के विधायक हैं।
इस तरह 114 के अलावा 2 अन्य विधायकों को जोड़ने पर यह राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन की संख्या 116 हो सकती है। यह बहुमत के जादुई आंकड़े 122 से 6 कम है। सूत्रों की मानें तो जदयू में अगर ललन सिंह के इस्तीफे के बाद खटपट बढती है तो उस स्थिति में कुछ विधायक अलग-अलग रास्ता पकड़ सकते हैं।
पार्टी में अगर टूट होती है तो उस स्थिति में राजद के लिए बिहार के सरकार बनाने के रास्ता साफ हो सकता है। बहुमत से 6 विधायक पीछे चल रही लालू यादव की पार्टी संभवतः इसीलिए पूरे उठापटक को चुप्पी साधे देख रही है। साथ ही राजद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर होने से भी राजद पीछे नहीं है।
राजद विधान पार्षद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई सुनील कुमार सिंह लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। यही नही पिछले दिनों राजद विधान पार्षद रामबली सिंह चंद्रवंशी ने भी पिछ्डी जाति को लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोला था।
ऐसे में अगर कोई सियासी बदलाव होता है तो उस स्थिति में राजद की ओर से कहा जा सकता है कि उनके दल के नेताओं के द्वारा तो हमेशा से नीतीश कुमार की नीतियों और निर्णयों के आलोचक रहे हैं। सियासी जानकारों के अनुसार नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में मचे उथल पुथल पर राजद की पैनी नजर है।
ललन सिंह के अध्यक्ष पद को छोड़ने के बाद क्या स्थिति बनती है, राजद उसी हिसाब से आगे का निर्णय ले सकती है। राजद के लिए अनुकूल स्थितियां बनीं तो तेजस्वी यादव के सिर पर बिहार के मुख्यमंत्री पद का ताज सज सकता है।