वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मकार। राज्य सभा टीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक। वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज, सीएनईबी, बीएजी फिल्मस, आज तक, नई दुनिया इत्यादि मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर रहे।Read More
पुलवामा संहार के बाद किसी अन्य भारतीय की तरह आम मीडियाकर्मियों में भी देशभक्ति की लहर दौड़ने लगी थी। इसे यूं भी कह सकते हैं कि आक्रोश यह था कि पाकिस्तान समर्थित इस आतंकवाद का आखिर कब और किस तरह अंत होगा? ...
भारत से भुगतान का संकट नहीं है. पाकिस्तान तो तेल की कीमत भी नहीं चुका सकता और उधार देने की स्थिति में सऊदी अरब नहीं है. उसने जो भी सहायता की है, वह उसका पूंजीनिवेश है. ...
पाकिस्तान में हुकूमत के खिलाफ बरसों से दबा गुस्सा अब भड़कने लगा है. लोग अपने देश में गरीबी, बदहाली, महंगाई, बेरोजगारी और आतंकवाद के लिए फौज व आईएसआई को खुल्लमखुल्ला जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. ...
पाकिस्तान के अखबारों और टेलीविजन की मानें तो उनका देश ऐसे दलदल में फंस गया है, जिससे निकलने की कोई सूरत नहीं दिखती. इस आलेख में पाकिस्तानी मीडिया से निकले सुरों का विश्लेषण. ...
ताजा मामला तिब्बत से है. वहां के नागरिकों का बाहरी आवागमन रोक दिया गया है. उन पर राजधानी ल्हासा तक जाने की रोक है. तिब्बतियों के पासपोर्ट छीन लिए गए हैं. ...
एजेंसी के पास इस बात का कोई उत्तर नहीं है कि अगर बरसों से राजीव कुमार उसे सबूत नहीं दे रहे थे तो सुप्रीम कोर्ट का ध्यान उसने आकर्षित क्यों नहीं किया? ...