वरिष्ठ पत्रकार। प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता करियर शुरू करने वाले पुण्य प्रसून बाजपेयी 1996 में 'आज तक' से जुड़े। पिछले दो दशकों में पुण्य प्रसून एनडीटीवी, ज़ी न्यूज़, एबीपी न्यूज़ इत्यादि चैनलों में काम कर चुके हैं। पुण्य प्रसून विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित स्तम्भ भी लिखते हैं।Read More
गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बना दिया है. भाजपा की इस बड़ी जीत पर पत्रकार पुण्यप्रसून वाजपेयी क्या कहते हैं, पढ़ें उनका लेख- ...
राहुल की पदयात्रा ने कैडर को खड़ा किया है। पदयात्रा ने राहुल को गांधी नेहरू परिवार की विरासत की ताकत से आगे ले जाकर जमीनी व सरोकारी नेता के तौर पर मान्यता दी है जहां कांग्रेस के अंतर्विरोध कद्दावर कांग्रेसी नेताओं को कैडर बनकर काम करने की दिशा में ले ...
पांच राज्यों के चुनाव होकर भी पहली बार हर राज्य के जनादेश ने परंपरा को त्यागा। खुद को राष्ट्रीय धारा से जोड़ने की मशक्कत ने ही यूपी में तीस साल के बाद किसी पार्टी को दुबारा जिताया। ...
दिल्ली विधानसभा के चुनाव में जनादेश देश की राजनीति को बदलने की ताकत के साथ उभरा है! ध्यान दें तो दिल्ली में जाति या धर्म ही नहीं बल्कि अमीर-गरीब के बीच भी केजरीवाल सेतु बन गए. झोपड़पट्टी बहुल 14 सीटें हों या रईस और सरकारी बाबुओं की कॉलोनी समेटी 11 सी ...
लेकिन 2019 में जेएनयू का टकराव तो सीधे सत्ता से हो चला है. लहूलुहान जेएनयू के भीतर छात्र संगठनों के टकराव से ज्यादा बाहर से आए नकाबपोशों की मौजूदगी डराने वाली है. 80 के दशक में दिल्ली पुलिस घोड़े पर सवार होकर छात्रों को रौंदते हुए अंदर दाखिल हुई थी. ...
क्या पहली बार छात्न उन सारे मुद्दों को उठाने के लिए तैयार हो रहा है जो मुद्दे कमोबेश हर समुदाय विशेष से जुड़े हैं लेकिन एक तरफ राजनीतिक शून्यता तो दूसरी तरफ कॉलेज-यूनिवर्सिटी में छात्नसंघ चुनाव न होने की स्थिति में वह खामोश रहा. ...